सीजी मितान डेस्क । 🌾छत्तीसगढ़ी म लिखे मोर ये कविता ले आप सब ल छेरछेरा तिहार के अब्बड़ अब्बड़ बधाई ….🌾
छेरी के छेरा छेर मरकनीन छेरछेरामाई कोठी के धान ल हेर हेराअरन बरन कोदो दरनजभे दान दीहू तभे टरनदान पुन करके भैयाआज अपन भाग जगाबोनअइसन सुघ्घर संस्कृति भाईअऊ कहां हमन पाबोनहमर ए तिहार ह संगीपरहित के पाठ पढ़ाथेहर बछर छेरछेरा तिहारपुष पुन्नी के दिन आथेलइका सियान सब टोली बनाकेघरो घर मांगे बर जाथे छेरछेराअऊ कहिथे छेरी के छेर छेरछेरामाई कोठी के धान ल हेरहेराघरोघर टुकनी म रखे कोठी के धानदाई दीदी हांसत हांसत करय दानगांव गांव म छेरछेरा के धान सकलायजेकर बने रामकोठी बिपत म काम आयअइसन रामकोठी आज बनगे हे मिसालइही काम आथे जब पड़थे दिन दुकाल
🌴रचना करइया – रोमशंकर यादव🌾
