कांग्रेस से बागी होकर मीना ने निर्दलीय भरा नामांकन, निष्कासन की तलवार लटकी

बालोद । जिले में भाजपा कांग्रेस के नामांकन के बाद सोमवार को संजारी बालोद विधानसभा से कांग्रेस नेत्री मीना साहू ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए निर्दलीय नामांकन दाखिल किया। जिसके बाद अब उनपर पार्टी से निष्कासन की तलवार लटकती दिखाई दे रही है। साथ ही कांग्रेस और भाजपा पार्टी से ताल्लुक रखने वाले सामाजिक नेता जिन्होंने मीना साहू को समर्थन दिया, सम्बन्धित पार्टी उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकती है। सामाजिक तौर पर मीना साहू को साहू समाज ने अपना समर्थन दिया हैं। वही सोमवार को छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय पार्टी हमर राज पार्टी के प्रत्याशी विनोद नागवंशी ने भी नामांकन दाखिल किया। जिसके बाद अब संजारी बालोद विधानसभा का यह मुकाबला चतुर्कोनी होने के आसार नज़र आ रहे है। बता दे कि मीना साहू कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य है। लगातार वे दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होकर आई हैं। संजारी बालोद विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने उन्होंने भी दावेदारी की थी। किंतु आलाकमान ने पुनः वर्तमान विधायक संगीता सिन्हा पर विश्वास जताते हुए उन्हें अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया हैं। संगीता सिन्हा को पुनः प्रत्याशी घोषित करने के बाद जहां एक ओर अन्य दावेदारों ने संगीता को जिताने का संकल्प लेते हुए कांग्रेस के पक्ष में वोट मांग रहे है, तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य मीना साहू टिकट न मिलने की नाराजगी जताते हुए निर्दलीय नामांकन दाखिल किया हैं।

भाजपा कांग्रेस दोनों को नुकसान-
आपको बता दे संजारी बालोद विधानसभा जिसमें कांग्रेस और भाजपा के बीच ही टक्कर रही है। वही बीते एक दशक से जिले के तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का ही कब्जा हैं। लेकिन इस बार इस विधानसभा से कांग्रेस से 2 बार की जिला पंचायत सदस्य मीना साहू के नामांकन दाखिल होने से कांग्रेस और साथ ही भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। दरअसल मीना साहू के समर्थन में संजारी बालोद विधानसभा के साहू समाज का भी समर्थन प्राप्त हो गया है। तथा इस विधानसभा में जहां 2 लाख के करीब मतदाता है। वही साहू वोटर करीब 80 हजार है और साहू वोटर को भाजपा अपनी परंपरागत वोट बैंक भी मानती है। लेकिन मीना साहू के समर्थन में न केवल कांग्रेस बल्कि बड़ी संख्या में भाजपा व साहू समाज के अलावा अन्य समाजों के लोग भी सामने आए है। वही इस समर्थन को देखते हुए मीना साहू ने भी अपनी जीत का दावा है। हालांकि समाजिक समीकरण की बात करे तो समाज में भी कई लोग कांग्रेस व भाजपा पार्टी से ताल्लुक रखते है।