पण्डरिया-बेल गर्मी के दिनों में बहुत ही लाभकारी फल।यह गर्मी के दिनों में पेट के लिए सबसे लाभकारी फल के रूप में माना जाता है।बेल धार्मिक व औषधीय महत्व वाला पौधा है। इस वृक्ष में लगे हुए पुराने पीले पड़े हुए फल, एक साल के बाद पुनः हरे हो जाते हैं। यह देर से तैयार होने वाला पौधा है।इस वृक्ष की छाया ठंडक देती है।बेल पत्तियों का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है,यह अर्थ,धर्म और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। शिव व भगवती पूजन में इसकी पत्तियों और फलों का अर्पण किया जाता है।बेल पत्तियों का महत्व धार्मिक कार्यों में श्रावण मास में अधिक होता है।इसी तरह इसके फल गर्मी में अधिक उपयोगी मानी जाती है।
इसके पत्तियां व फल औषधीय गुणों से परिपूर्ण होती है।बेल कई रोगों की रोकथाम कर सकता है। कफ-वात विकार, बदहजमी, दस्त, मूत्र रोग, पेचिश, डायबिटीज, ल्यूकोरिया सहित पेट दर्द, ह्रदय विकार, पीलिया, आंखों के रोग आदि में भी बेल के सेवन से लाभ होता है।गर्मी के दिनों में इससे बने शर्बत अंत्यन्त ही लाभदायक होती है।बेल के पेड़ में फूल व फल काल फरवरी से जुलाई तक होता है।एक तरफ बेल के फल पकते हैं,वहीं नया फल भी इनमें आ जाते हैं।
