पाटन।।आज भारतीय किसान संघ द्वारा देशव्यापी धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन का आवाहन किया गया था। संघ के आव्हान पर आज देश भर के किसान कड़कड़ाती ठंड और बरसते पानी एवं कोरोना जैसे महामारी की भी परवाह न करते हुए पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ इस आंदोलन में शामिल हुए।

किसान संघ लगातार किसानो के प्रमुख विषय को राज्य और केंद्र दोनों सरकारो को अवगत कराता रहा है।आज का विषय किसानो का ऐसा विषय है जिसे भारतीय किसान संघ अपने स्थापना काल से सरकार के समक्ष रखता आ रहा है। जो लागत के आधार पर किसानों को उनके फसल का लाभकारी मूल्य है ये एक ऐसा विषय हैं जिस पर अब तक आये सभी राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को केवल झूठे आश्वासन देकर गुमराह किया जाता रहा है। सरकारे किसानों को अपना वोट बैंक बनाकर हमेशा से ही किसानों से छल करती रही हैं। जैसे ही चुनाव का समय आता है राजनीतिक पार्टियां किसानों के लिए कई झूठे वादे करती है जिसमे कर्ज माफी, बिजली बिल में छूट, बोर खनन में रियायत आदि लेकिन कोई भी दल किसानों को उनके फसल का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देने के बारे में कभी बात नही करती।
किसान संघ ने पूर्व में दो बार इन विषयों को लेकर देश के प्रधानमंत्री एवं कृषि मंत्री को अवगत भी करा चूका है तथा संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा गांव गांव जाकर लोगो को इस विषय मे जागरूक कर 20 हजार से भी ज्यादा गॉवो के किसानों का हस्ताक्षरित ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री एवं कृषि मंत्री को ईमेल के माध्यम से भेजा गया था परंतु देश के प्रधानमंत्री या कृषि मंत्री जी के द्वारा अब तक इस विषय पर कोई भी विशेष कदम नही उठाएं गये हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि देश मे जो किसान देशहित एवं शांति व्यवस्था को ध्यान में रखकर कोई मांग करे तो वो सरकार तक नही पहुँच पाती या सरकारें सुनकर भी अनसुना कर देती है। इसका ताजा उदाहरण पिछले दिनों दिल्ली बॉर्डर में बैठे तथाकथित किसान आंदोलन में नजर आया।जिन्होंने किसान के नाम पर साल भर से भी ज्यादा समय दिल्ली बॉर्डर को बंद करके, देश को हजारो करोड़ो का नुकसान कराया और आम जनमानस को पूरी तरह परेशान करते रहे। उनकी मांग सरकार ने मांग ली किंतु किसान संघ जो राष्ट्रवादी संगठन है और अपना प्रत्येक आंदोलन राष्ट्रहित एवं समाज हित को ध्यान में रखकर करता हैं उसकी बात सरकार अब तक अनसुनी करती आ रही है।
*राज्य के प्रत्येक तहसील में कोरोना नियम का पालन करते हुए ज्ञापन।*
संघ के द्वारा आज किये गए देशव्यापी आवाहन में छत्तीसगढ़ के सभी तहसीलों में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंपा गया। साथ मे पूर्व में केंद्र सरकार को भेजे गए ज्ञापन को भी संलग्न कर भेजा गया। राष्ट्रपति महोदय को किसानो द्वारा इस विषय मे तुरंत अपने प्रभाव का प्रयोग कर किसानो की समस्या को हल करने निवेदन किया गया।आंदोलन को सफल बनाने संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा 1 जनवरी से 10 जनवरी तक गांव गांव में विशेष अभियान चलाकर किसानों को जागरुक किया गया था।