आरक्षण में कटौती को लेकर अनुसचित जाति समुदाय में बढ़ रहा है आक्रोश, आज निकालेंगे रैली, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन

भिलाई।छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज के  प्रतिनिधियो , सदस्यो ने अनुसूचित जाति समुदाय की ओर से मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन प्रेषित कर अनुसूचित जाति के प्रस्तावित आरक्षण 13 प्रतिशत को सुधार कर 16 प्रतिशत करने की मांग किया है। ज्ञापन में बताया गया है की भारत के संविधान लागू होने के पश्चात हमारा अनुसूचित जाति का आरक्षण सदैव 16 प्रतिशत ही रहा है, जिसे छत्तीसगढ़ बनने के बाद 4 प्रतिशत कम कर दिया गया. फिर उसमें 1 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया जो कि उचित नही है। आरक्षण दिये जाने के बावजूद भी आरक्षण का पालन करने में शासन प्रशासन असफल रही है, बैकलॉग एवं अनुसूचित जाति के पद आज भी रिक्त है साथ अन्य समुदाय व फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों को आरक्षण का लाभ दिया गया है।
गुरुघासी दास सेवा समिति के महासचिव एस एल मिर्चे ने बताया की आरक्षण 50 प्रतिशत से समग्र रूप से अधिक नही होना चाहिए, इससे संवैधानिक मर्यादा बनती। संतुष्टिकरण के चलते सरकार इस आरक्षण की सीमा को अधिक करती है. जैसे छ.ग. शासन ने 76 प्रतिशत करने का निश्चय किया, तब भी अनुसूचित जाति को 3 प्रतिशत का घाटा है। सरकार यदि 3 प्रतिशत को बढ़ाकर 16 प्रतिशत कर देती तो सरकार का कुछ भी नुकसान नहीं होता। क्योंकि आरक्षण की पूर्ति हो ही नहीं रहा है इसलिए आरक्षण समुचित रूप से उसका लाभी संबंधित वर्गों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जावे।

हम न्यायालय जाने के पक्षधर नहीं है, क्योंकि आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से इतना कमजोर है कि अपनी बात न्यायालय में समुचित रूप से नहीं रख पाएंगे। अतः आम अनुसूचित जातियों का आरक्षण 16 प्रतिशत पहले सुनिश्चित करने एवं उसका परिपालन करवाने का कष्ट करेंगे। उसके बाद किसी भी समुदाय को आप कितना भी आरक्षण दें, हमें कोई आपत्ति नहीं है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो हम समझ जाएंगे कि सरकार मजबूर है और मजबूरी छ.ग. के लिए ठीक नहीं है।