अयोध्या में श्रीराम जी की प्राण-प्रतिष्ठा के पावन पर्व पर महुदा में सद्भभावना सत्संग का आयोजन हुआ

पाटन।।परम पूज्य सदगुरुदेव श्री महाराज जी की असीम कृपा से मानव उत्थान सेवा समिति रायपुर शाखा के तत्वाधान में ग्राम महुदा शाखा में श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पावन अवसर पर एकदिवसीय विशाल सद्भावना सत्संग समारोह का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न तीर्थों से आए हुए संत महात्माओं ने रामायण, गीता एवं अनेक धर्म ग्रंथो पर आधारित अपने सत्संग विचारों से उपस्थित जनमानस को भाव विभोर कर दिया।

पूजनीय महात्मा अपर्णा बाई जी ने अपने सत्संग में रामायण की चौपाइयों को बड़े ही सरल एवं सुगम शब्दों में समझाते हुए कहा कि आज का मनुष्य प्रतिदिन रामायण एवं गीता का पाठ तो अवश्य करता है किंतु उसमें निहित अर्थों को समझ नहीं पाता जिसके कारण वह आध्यात्मिक स्पर्श से अछूता ही रहता है रामायण के एक प्रसंग को समझाते हुए उन्होंने बताया कि प्रभु श्री राम द्वारा हनुमान जी को स्वर्ण मुद्रिका देते हुए माता सीता की खोज में लंका भेजा गया किंतु वह स्वर्ण मुद्रिका न होकर आत्मज्ञान की क्रियाओं की मुद्रिका है, अर्थात आध्यात्मिक ज्ञान है जिसे समय के तत्वदर्शी महापुरुष के शरण में जाकर , अहंकार रहित होकर शांत चित् से एक भक्त प्राप्त कर अपने जीवन का कल्याण कर सकता है। सही मायने में राम राज्य की परिकल्पना तभी सार्थक हो सकती है जब मनुष्य आत्मज्ञान को जानकर, अपने निज स्वरूप में स्थित होकर समदर्शी बनता है । तभी, तुझ में राम मुझ में राम सब में राम समाया।। सबसे कर लो प्रेम जगत में कोई नहीं पराया।। की भावना को मूर्त रूप दिया जा सकेगा। महात्मा दीप्ति बाई जी एवं महात्मा विलक्षणा बाई जी ने भी अपने सत्संग विचारों की धारा प्रवाहित की।कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भक्त समुदाय उपस्थित हुए। श्री सदगुरुदेव महाराज जी एवं प्रभु श्री राम के पूजा आरती के पश्चात विशाल भंडारे की व्यवस्था भी आयोजकों द्वारा की गई।