डोंगरगढ़ के आस पास नदी नालों का सीना चीरने को उतारू रेत माफिया, शाशन प्रशासन की खामोशी समझ से परे ;आखिर किसके इशारे पे हो रही है ,चोरी जिम्मेदार कौन

केशव साहू
डोंगरगढ़। बरसाती पानी कम होते ही नदी व नालों से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन बे हिचक पुरे डोंगरगढ़ तहसील में किया जा रहा है। ताज़ा मामला डोंगरगढ़ तहसील के गाजमर्रा व भोथली गांव से गुजरने वाली नदी का है जहां से निरंतर हर रोज सुबह 5 से 10 बजे के मध्य ट्रैक्टर चालक जान को जोखिम में डालते हुए नदी में ट्रैक्टर को उतार रहे है ।

रेत का अवैध खनन करते हुऐ अवैध परिवहन कर बाजार में 3 से 4 हजार रुपये में बेचकर लाभ कमाते हुए प्रशासन को भारी भरकम राजस्व का चोट दिया जा रहा है। सरपंच प्रतिनिधि एलियस जौन ने बताया इस संबंध ग्राम पंचायत के द्वारा लिखित शिकायत राजस्व व माइनिंग विभाग को किया गया कार्यवाही शून्य रही उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों वह रेत माफियाओं में मिली भगत जैसे गंभीर आरोप लगाऐ।

ग्राम पंचायत द्वारा किसी भी प्रकार का आदेश या प्रस्ताव रेत निकासी हेतु जारी नहीं किया गया है। पूर्व सरपंच संदीप गेडाम ने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताया उन्होंने भी वर्तमान जनप्रतिनिधि व राजस्व अधिकारियों की मिली भगत का ठिकाडा फोड़ते हुए अपना पल्ला झाड़ दिया। इसी प्रकार बिते दिनों S.D.M कार्यालय में भी शासकीय कार्य हेतु बिना रॉयल्टी का रेत पहुंचने का मामला प्रकाश में आया था। मामले को तूल पकड़ता देख बाद में S.D.M कार्यालय की जगह P.W.D विश्राम गृह में अवैध रेत खाली करवाया गया था।


पूर्व में भी मुड़पार अवैध रेत भंडारण के मामले को लेकर डोंगरगढ़ से रायपुर तक राजनीति गर्मा चुकी है। इसी तरह से क्षेत्र जामरी,कल्याणपुर, करवारी,संडी,कन्हारगांव ढा़रा,मुसरा,पनियाजोब, बोर तालाब अन्य स्थानों से खनिज पदार्थो का अवैध खनन करते हुए परिवहन किया जा रहा है । रेत के अवैध परिवहन के संबंध में पूछे जाने पर रेत माफियाओं द्वारा गांव में आवास के नाम पर ग्रामीणों को कम कीमत में रेट उपलब्ध कराने की बात कहते हुए शासन प्रशासन को गुमराह किया जाता है।।