संस्कार केंद्र, विद्याभारती छ्ग का सेवा क्षेत्र में अभिनव प्रयोग…..दुर्ग विभाग के समस्त जिलों की साझा “आचार्य विकास कार्यशाला” संपन्न हुई

कुम्हारी। सरस्वती शिक्षा संस्थान छग द्वारा आयोजित दुर्ग विभाग स्तरीय तृदिवसीय आचार्य विकास वर्ग का शुभारम्भ सरस्वती शिशु मंदिर कुम्हारी में माँ सरस्वती, प्रणव अक्षर ॐ, मां भारती के छाया चित्र में दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारम्भ हुआ. इस अवसर पर आचार्य, दीदियों को सम्बोधित करते हुए संस्कार केंद्रों के प्रान्त प्रमुख चंद्रकुमार डडसेना ने जीवन में संस्कारों का महत्व बताते हुए कहा कि बालक को अगर उपहार न मिले तो एक घंटा रोयेगा,लेकिन संस्कार न मिला तो वह जीवन भर रोयेगा.आज के दूषित वातावरण में बच्चों को बचाकर उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ जीवन उपयोगी संस्कारों से पोषित करना बहुत जरूरी है।

विद्या भारती छत्तीसगढ़ का सरस्वती संस्कार केंद्र सेवा बस्ती के बच्चों के लिए एक अभिनव प्रयोग साबित हो रहा है. हम इन बच्चों को शिक्षा के माध्यम से उनमें अच्छे गुणों को विकसित करने का कार्य करते हैं, उन्हें देश धर्म और संस्कृति के जीवन मूल्य ज्ञान से परिचय कराते हैं। उन्हें स्वावलंबी बनने की प्रेरणा देते हैं. विद्यालय के अध्यक्ष निश्चय वाजपेयी ने कहा सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा एवं संस्कार को लेकर समाज में निरंतर आगे बढ़ रही है. छात्र जीवन में मिला संस्कार जीवन को हर पल प्रेरणा देता है।

बिना संस्कार एवं अनुशासन के व्यक्ति का जीवन पशु तुल्य होता है.पिछड़ी बस्तीयो में भी संस्कार केंद्र के माध्यम से अच्छी शिक्षा एवं जीवन मूल्य का ज्ञान निशुल्क दिया जा रहा है, यह अनुकरणीय है। हिंदू जागरण मंच के प्रान्त संयोजक अवधेश दुबे ने कहा भारत की सनातन संस्कृति की ओर दुनिया की नजर है. एक और जहां संपूर्ण विश्व में युद्ध का माहौल चल रहा है वही हमारा हिंदुस्तान दुनिया को शांति एवं भाईचारे का संदेश दे रहा है. हमें विघटनकारी तत्वों से बचकर रहना है।

हमें अपने धर्म पर अडिग रहना है. कार्यशाला के समापन सत्र में संघ के प्रचारक एवं प्रांत मे जनजातीय कार्य के प्रमुख सतीश जी ने विभिन्न रोचक कथाओं के माध्यम से संस्कार निर्माण पर प्रभावी उद्बोधन दिया।सत्र की अध्यक्षता कर रहे कुम्हारी प्रेस क्लब के अध्यक्ष विक्रम शाह ने सरस्वती शिक्षा संस्थान द्वारा सेवा बस्तियों मे चलाए जा रहे निःशुल्क संस्कार केंद्रों को सराहना करते हुए कहा कि उन्हें संस्थान के समाज निर्माण के कार्यों से बहुत प्रेरणा मिलती है।

इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य मनीषा साहू,जागेवरी देवांगन, सुषमा गोश्वामी, केसरी सिन्हा, सीमा विश्वकर्मा, गुंजा बया, सरोज सुपले, शारदा मौर्या, दीप्ती साहू, जाग्रति साहू शांति सिन्हा, यामिनी साहू, आरती चौहान, ममता निषाद, पिंटू मल्लाह, पूनम सोनकर सहित समस्त प्रशिक्षार्थी आचार्य, दीदी उपस्थित थी।