वनांचल मंझगांव का स्कूल कोरोना काल से बंद, 15 अगस्त को केवल एक दिन खुला, गांव में स्कूल होते हुए 5 किलोमीटर दूर जाकर पढ़ रहे बच्चे

राजकुमार सिंह ठाकुर

पंडरिया । ब्लाक अंतर्गत वनांचल में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है।वनांचल में अभी तक लंबे समय तक बच्चों के स्कूल नहीं आने की शिकायतें आती थी,लेकिन अब शिक्षक के स्कूल नहीं आने की जानकारी सामने आई है।ब्लाक मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर पहाड़ी वनांचल ग्राम मंझगांव प्राथमिक शाला का स्कूल लंबे समय से बंद है।जिसके कारण बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं।बताया जा रहा है कि मंझगांव के प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षक कार्यरत हैं।जो लंबे समय से विद्यालय नहीं जा रहे हैं,जिससे गांव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है।ग्रामीणों के अनुसार 15 अगस्त को एक दिन विद्यालय खुला था।इस दौरान शिक्षकों द्वारा 19 अगस्त से स्कूल आने की बात कही गई थी।किन्तु अब तक विद्यालय खोलने नहीं पहुंचे हैं।इससे पूर्व लॉक डाउन के समय से विद्यालय के पट बंद है।यहाँ के विद्यार्थियों को शिक्षा के अलावा शासन से मिलने गणवेश,पाठ्य पुस्तक,छात्रवृत्ति,मध्यान्ह भोजन की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।

5 किलोमीटर दूर आश्रम शाला जाने मजबूर-वर्षो से गांव के विद्यालय में पढ़ाई नहीं होने तथा बंद रहने के कारण बच्चे गांव से पांच किलोमीटर दूर पंडरीपानी स्थित आश्रम शाला में रहकर पढ़ाई करने मजबूर हैं।आश्रम में भी सभी बच्चे नही जा पा रहे हैं।वहां केवल वही बच्चे जा पाते हैं जिसे पलको द्वारा आश्रम जाने की अनुमति दी जाती है।शेष बच्चे पढ़ाई से ही वंचित हो रहे हैं।गांव में स्कूल रहते हुए भी बच्चो को आश्रम में जाकर रहना पड़ रहा है या पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है।

इस वर्ष नही खुला विद्यालय-

इस वर्ष एक भी दिन स्कूल नहीं खुला है।मेरा घर स्कूल के सामने है।एक भी दिन स्कूल को खुले हुए नहीं देखा हूँ।शिक्षकों द्वारा स्कूल नहीं खोला जा रहा है,जिसके चलते बच्चो को पढ़ाई छोड़ना पड़ गया।

हीरालाल बैगा, मंझगांव।

लॉक डाउन के बाद नहीं लग रही कक्षाएं’-

“ग्रामीण मोहन बैगा ने बताया कि लॉक डाउन के बाद मंझगांव का स्कूल बंद है।लॉक डाउन के बाद एक-दो दिन के लिए स्कूल खुला है।बांकी दिनों स्कूल बंद है।उन्होने बताया कि पिछले वर्ष परीक्षा भी नहीं हुआ था।जिससे बच्चे मिडिल स्कूल में नहीं जा पाए हैं।मोहन ने बताया कि 15 अगस्त को शिक्षक लोग आए थे तथा जल्दी ही नियमित स्कूल आने की बात उनके द्वारा कही गई थी,किन्तु आज तक स्कूल नहीं पंहुँचे हैं।उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत पिछले वर्ष जनप्रतिनिधियों से की गई थी किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।सभी जगह लॉक डाउन समाप्त हो चुका है किंतु मंझगांव के स्कूल में आज भी लॉक डाउन है।”

मोहन बैगा, मंझगांव।

जांच पर उठ रहे सवाल

स्कूलों के मॉनिटरिंग के लिए राज्य से लेकर संकुल स्तर तक जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किये गए हैं।किंतु उक्त स्कूल तक कोई भी नहीं पहुंच पाया है।संकुल समन्वय व संकुल प्रभारी का प्रतिमाह दौरा सुनिश्चित होता है।किंतु लंबे समय से अनुपस्थित शिक्षकों की जानकारी विभाग को नहीं मिली।बताया जा रहा है कि विगत तीन महीने से शिक्षक का वेतन रुका हुआ है।किंतु पूर्व में शिक्षकों का वेतन किस आधार पर निकलता रहा यह भी सोचनीय है।फील्ड में तो विद्यालय बंद है,लेकिन यह भी जांच का विषय है कि कहीं स्कूल दस्तावेजों में संचालित तो नहीं हो रही है।इस संबंध में विकास खंड शिक्षा अधिकारी जीपी बनर्जी का कहना है कि एक शिक्षक का स्वास्थ्य खराब था।स्कूल में अतिरिक्त शिक्षक की पदस्थापना का प्रयास कर रहे हैं।स्कूल नियमित रूप से खुल रहा है।वहीं 21 सितंबर की स्थिति में ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय नहीं खुल रहा है।