बुनियादी साक्षरता व संख्यात्मकता प्रशिक्षण का द्वितीय चरण संपन्न

पंडरिया – ब्लाक अंतर्गत कुण्डा, पण्डरिया तथा कुई जोन में प्राथमिक शिक्षकों को नई शिक्षा नीति पर आधारित बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता विषय पर विभिन्न चरणों में आनलाईन तथा आफलाईन प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें विकास खंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों को 60 से 70 की संख्या में विभाजित कर प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिसमें द्वितीय चरण का चार दिवसीय आफलाईन प्रशिक्षण दिनांक 18 जून से शुरू होकर 21 जून को संपन्न हो गया। शेष शिक्षकों को अगले चरण में प्रशिक्षण दिया जाएगा। आफलाईन प्रशिक्षण विकास खंड पण्डरिया के तीनों जोन में प्रतिदिन अपनी उपस्थिति के साथ, जिला स्रोत समूह तथा राज्य स्रोत समूह के शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण को सुचारू रूप से संचालित करने बीईओ जी. पी. बनर्जी, बीआरसी अर्जुन चंद्रवंशी द्वारा लगातार मानिटरिंग किया जा रहा है। साथ ही एसआरजी शिवकुमार बंजारे, लक्ष्मण बांधेकर तथा जिला प्रशिक्षक उत्तम लॉयल, काशी गोयल, निर्मल पात्रे उपस्थित होकर गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण दे रहे हैं। राज्य कोर ग्रुप के सदस्य सुमित पाण्डेय द्वारा प्रत्येक जोन में औचक दौरा कर भौतिक मानिटरिंग करते हुए आवश्यक मार्गदर्शन दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क फाउण्डेशनल स्टेज 2022 की रुपरेखा अंतर्गत बुनियादी भाषा तथा संख्यात्मकता का कौशल बच्चों में विकसित करने, बच्चों की भाषा मातृभाषा को प्रमुख स्थान देते हुए बहुभाषिकता, भाषा के चारखंडीय रुपरेखा, गणित के एप्रोच ईएलपीएस, नवाजतन, जादुई पिटारा, मल्टीग्रेड टीचिंग, एमएलटी, थीम आधारित कौशल विकास, 21वीं सदी के कौशल आदि विषयों
गतिविधि आधारित ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें सीखने को कैसे सीखना है, शिक्षक संदर्शिका, अभ्यास पुस्तिका और पाठ्यपुस्तक को जोड़ कर भाषा को 26 सप्ताह एवं गणित को 25 सप्ताह में बांटकर सप्ताहिक, मासिक, वार्षिक कार्ययोजना तैयार किया गया है। जिसमें 4+1+1 चार दिन नई गतिविधियों पर कार्य, पांचवें दिन पुनरावृत्ति करते हुए 6 वें दिन सप्ताहिक मुल्यांकन किया जाना है। कक्षा शिक्षण के दौरान भाषा विषय में कक्षा पहली का कालखंड 90 मिनट का रखा गया जिसमें शुरुआत बच्चे के मातृभाषा में मौखिक भाषा विकास, ध्वनि जागरुकता, ग्रिड पर कार्य, ब्लेंडिंग फिर पठन और लेखन का कार्य होगा। इसी तरह गणित का कालखंड 60 मिनट का होगा। जिसमें मौखिक गणित पर बच्चे की भाषा में बातचीत, कौशल शिक्षण, कौशल अभ्यास तथा अंत में गणित के खेल के साथ कालखंड का समापन होगा। शिक्षण की नई तकनीक को आत्मसात करते हुए शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।