गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. भारतीदासन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता एवं शैक्षिक व्यवस्था का जायजा लेने औचक रूप से शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल मंदिर हसौद और शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल परसदा पहुंचे थे। हायर सेकेण्डरी स्कूल मंदिर हसौद में शैक्षिक एवं प्रबंधन संबंधी अव्यवस्थाओं को देखकर उन्होंने शाला प्राचार्य प्रेमशिला एक्का को कड़ी फटकार लगाई और शासन के नियम-निर्देशों के अनुसार शाला में शैक्षिक गतिविधियों के संचालन में बरती जा रही लापरवाही चलते उनकी दो वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए हैं। शाला में शासन द्वारा प्रदत्त निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का बच्चों को वितरण न कराकर शाला में डम्प रखने के मामलों को लेकर उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार एल.बी. व्याख्याता भुवनेश्वरी यादव से भी जवाब-तलब किया और उसकी एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए। निरीक्षण के दौरान स्कूल में समय पर न होने वाले जिन 10 कर्मियों की आधे दिन की वेतन काटने की कार्रवाई की गई है, उनमें प्रमिला वर्मा, एस.के. वर्मा, माला रानी मिश्रा, स्मृति सिंह, मेघा कुसर, हेमलता दीवान, ओंकेश्वर सोनवारी, संगीता ढीढी, हरिराम धृतलहरे और भूपेन्द्र कुमार शामिल हैं।
स्कूल शिक्षा सचिव डॉ.एस.भारतीदासन ने अपनी मौजूदगी में ही बच्चों को स्कूल में डम्प पाठ्य पुस्तकों को वितरण कराने के साथ ही स्कूल में दाखिला लेने पालकों के साथ पहुंचे बच्चों को शाला प्रवेश कराया। सचिव डॉ. भारतीदासन ने इस दौरान बच्चों के ज्ञान का स्तर परखने के लिए गणित और विज्ञान की कक्षाएं भी ली। विद्यार्थियों से सवाल पूछे और अध्ययन संबंधी उनकी शंकाओं का भी समाधान किया। शिक्षा सचिव ने बच्चों को खूब मन लगाकर पढ़ाई करने तथा मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रशासनिक क्षेत्र में कैरियर बनाने के टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए लगन और मेहनत जरूरी है, सफलता का कोई शार्ट कट रास्ता नहीं होता। वर्तमान दौर प्रतियोगिता का दौर है, इसमें सफल होने के लिए पूरी प्लानिंग के साथ पढ़ाई और निरंतर अभ्यास जरूरी है। शिक्षा सचिव ने इस दौरान स्कूल की लैब और स्मार्ट क्लास का मुआयना भी किया और बच्चों को अध्यापन के साथ-साथ नियमित रूप से प्रायोगिक कार्य भी कराए जाने की हिदायत दी।
इसके पश्चात हायर सेकेण्डरी स्कूल परसदा पहुंचे स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने वहां अध्ययन-अध्यापन की स्थिति का मुआयना किया। उन्होंने प्राचार्य को शाला प्रबंधन के साथ-साथ क्लास लेने, शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष रूप से ध्यान देने तथा विद्यार्थियों के सिखने-समझने के स्तर का नियमित मूल्यांकन के भी निर्देश दिए। शिक्षा सचिव ने परसदा स्कूल परिसर की स्वच्छता को लेकर प्रसन्नता जताई और इसके लिए शिक्षकों और बच्चों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता की सराहना की।