बोरगांव में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया शक्तिस्वरूपा मां शारदा जन्मोत्सव

आशीष दास

कोंडागांव । जन-जन की आराध्या शक्तिस्वरूपा मां शारदा की 170वीं जयंती गुरुवार को ग्राम बोरगांव के शारदा मंदिर में बंग समुदाय द्वारा हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान में काफी तादाद में भक्तों ने हिस्सा लेकर मां की स्तुति की। इस दिन मां शारदा की विशेष पूजा-अर्चना, आरती की गई। माता की महिमा में श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन भी किया। इस अवसर पर रात्रि को भक्तों के बीच खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया।

धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन में सभी सदस्यों ने सक्रिय योगदान दिया।शारदा देवी ने कोई किताब नहीं लिखी उनके आध्यात्मिक ज्ञान बहुत उच्च कोटि का था। इस मौके पर उनके भक्त विनय भूषण दास ने बताया उनके कुछ उपदेश जिसमें ध्यान करो इससे तुम्हारा मन शांत और स्थिर होगा और बाद में तुम ध्यान किए बिना रह नहीं पाओगे।चित्त ही सबकुछ है। मन को ही पवित्रता और अपवित्रता का आभास होता है। एक मनुष्य को पहले अपने मन को दोषी बनाना पड़ता है ताकि वह दूसरे मनुष्य के दोष देख सके।”मैं तुम्हें एक बात बताती हूँ, अगर तुम्हें मन की शांति चाहिए तो दूसरों के दोष मत देखो। अपने दोष देखो। सबको अपना समझो। मेरे बच्चे कोई पराया नहीं है, पूरी दुनिया तुम्हारी अपनी है।इंसान को अपने गुरु के प्रति भक्ति होनी चाहिए। गुरु का चाहे जो भी स्वभाव हो शिष्य को मुक्ति अपने गुरु पर अटूट विश्वास से ही मिलती हैं।इस दौरान भक्तों ने कहा कि प्रति वर्ष मां शारदा की जयंती सहित अन्य कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं। जिसमें काफी तादाद में बंग समुदाय के श्रद्धालु सम्मिलित होकर मां शारदा की जयंती पर विशेष पूजा पाठ, माता की जीवनी पाठ एवं माता की स्तुति की जाती है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं, और काफी संख्या में भक्त धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर माता की स्तुति कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।