चिरपोटी में चल रही श्री शिव महापुराण कथा….युवा कथावाचक अनिल तिवारी ने बताया कथा का महत्व,हनुमान जी को बताया श्रेष्ठ श्रोता

संजय साहू

अंडा। ग्रामीण जनों में आध्यात्मिक जागृति एवं समरसता बढ़ाने की दृष्टि से बनपेला परिवार एवं समस्त ग्रामवासी चिरपोटी के सहयोग से आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के दरमियान युवा कथावाचक आचार्य अनिल तिवारी ने उपस्थित दर्शक श्रोताओं के मध्य हनुमान जी को श्रेष्ठ भगवत् कथा श्रोता की संज्ञा देते हुए कहा कि वे सदैव भक्तों के बीच अदृश्य रुप में उपस्थित होकर भगवत् कथा का श्रवण करते हैं। नवधा भक्ति की सरस जानकारी देते हुए उन्होंने क्रमशः नदी, सागर, पर्वत, शिखर और शिवालय में जाकर साधना करने से भागवत प्राप्त होने की जानकारी दी।बिल्ब अर्थात् बेल वृक्ष के नीचे शिव उपासना करने से सुख-शांति, धन समृद्धि प्राप्त होने तथा बेल वृक्ष के नीचे किसी भूखे को भोजन करने से करोड़ों लोगों को भोजन करने का पूण्य प्राप्त होता है। शिक्षक व जनजाति शोधार्थी राम कुमार वर्मा ने अपने समुदाय विस्तार सेवा के अंतर्गत कथा श्रवण करते हुए बताया कि युवा कथावाचक आचार्य अनिल तिवारी ने नवधा भक्ति को श्रेष्ठ बताते हुए माता शबरी की भक्ति का उल्लेख कर कहा कि शबरी को दृढ़ विश्वास था कि उसकी कुटिया में एक दिन श्रीराम जरुर आएंगे। उसकी यह कामना पूर्ण हुई। नवधा भक्ति के अलग-अलग आचार्यों सुकदेव,भक्त प्रहलाद, माता लक्ष्मी,राजा पृथु, हनुमान जी, अर्जुन, राजा बली का ईश्वर भक्ति के अलग-अलग तरीकों का रोचक उल्लेख कर भगवान शिव द्वारा पार्वती को इसी कथा सुनाने की जानकारी दी। राजा दक्ष को प्रजापति की उपाधि प्राप्त हो जाने पर अभिमान होने के कारण ब्रह्मा , विष्णु महेश यानी स्वयं महादेव को दामाद के द्वारा यथोचित सम्मान नहीं दिए जाने पर क्रोध प्रकट करने से यज्ञ विध्वंस होने की स्थिति को स्पष्ट किया। मनुष्य शरीर की नश्वरता को स्पष्ट करते हुए अपने कर्म के साथ हरि भजन करने को उत्तम भक्ति बताया। भगवान शिव द्वारा सीताहरण के दौरान श्री राम को सच्चिदानंद का संबोधन कर प्रणाम करने पर माता पार्वती द्वारा शंका किए जाने की कथा को विस्तार से बताते हुए कहा कि किसी दूसरे रुप धारण करने से स्वयं का नुकसान होता है। इस तरह सीता स्वयं पार्वती का रुप धारण कर श्रीराम की परीक्षा लेने के उनके समक्ष उपस्थित हुईं और के पास कहीं तब श्री राम द्वारा उन्हें पहचान लिए जाने और माता कह कर संबोधित करने पर लज्जित होने की स्थिति को स्पष्ट किया।

इस तरह ईश्वर पर किसी तरह की शंका न करने की प्रेरणा उपस्थित दर्शक श्रृद्धाओं को कथावाचक अनिल तिवारी द्वारा दी गई। कथा को सांगीतिक बनाने के लिए भूपत साहू, सागर पाल, निखिल कलिहारी, राज कुमार यादव, पुष्कर साहू ने लोक भजनों, प्रचलित सुगम व लोक संगीत के माध्यम से दर्शकों को ईश्वर भक्ति की और तरंगित कर श्री शिव पुराण कथा वाचन को अभिनय से जोड़ने की दृष्टि से श्री भूषण लाल निर्मलकर द्वारा भक्त हनुमान की वेशभूषा धारण कर लोक भजनों में नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को रिझाने का प्रयास किया गया। इसमें आयोजन में राजा और जयकुमार महाराज प्रसारणकर्ता सहित समिति के प्रमुख सुखीराम, मीना बाई साहू, आनंद राम, पूर्णिमा साहू, रामजी, सुशीला साहू, इंद्रावती साहू सहित ग्राम सरपंच पोषण लाल साहू, छगन साहू, मुख्य यजमान खम्हन लाल साहू, बिरमत साहू ,विमल साहू, उमा साहू, हूपेंद्र साहू,रुपेश्वरी साहू आदि का आयोजन में सक्रिय भूमिका है। इसमें स्थानीय रामधुनी के बुजुर्ग गायक नोहर सिंह राजपाल, चेतन साहू, खम्हन साहू व अन्य ग्रामीणों द्वारा प्रतिदिन कथा वाचक और परायणकर्ताओं को विश्राम स्थल से कथा स्थल तक संगीत में यात्रा कराने में उल्लेखनीय योगदान किया जा रहा है।