कला संस्कृति डेस्क।
छत्तीसगढ़ के हरफनमौला कलाकार नितिन दुबे पिछले 2 दशक से भी ज़्यादा समय से छत्तीसगढ़ी लोक कला के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उनके छत्तीसगढ़ी गीत गावं से लेकर शहर तक और छत्तीसगढ़ से लेकर दूसरे राज्यों में भी सुनें जाते हैं। नितिन ने छत्तीसगढ़ी गीतों को युवाओं के बीच प्रसिद्धि दिलाई है और उनके आधुनिक गीतों को युवा वर्ग बहुत सुनते हैं लेकिन समय समय पर नितिन शुद्ध छत्तीसगढ़ी लोकगीत और पारंपरिक वेशभूषा को भी अपने गीतों के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नितिन अपने जन्मदिन पर अपने फैन्स के लिए एक संगीतमय तोहफे के रूप में नया गीत लाए हैं। 2021 में नितिन ने अपने जन्मदिन पर “चाँदनी 2” रिलिज़ किया था जो कि ब्लॉकबस्टर हिट हुआ था और पिछले वर्ष 2022 में नितिन ने “हाय रे मोर नीलपरी” रिलिज़ किया था वो गीत भी ब्लॉकबस्टर हिट हुआ था। इसी क्रम में इस वर्ष भी नितिन दुबे अपने जन्मदिन 3 जुलाई को नया कर्मा गीत “हाय रे मोर मंदाकिनी” गीत लेकर आए हैं जो उनके यूट्यूब चैनल नितिन दुबे ऑफिशियल पर रिलिज़ हुआ है जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। इस गीत में नितिन दुबे ने बतौर गायक ,संगीतकार, अभिनेता और स्क्रिप्ट राइटर के रूप में काम किया है ,इस डुएट गीत में उनके साथ गायन एवं अभिनय किया है बहुमुखी प्रतिभा की गायिका शर्मिला बिस्वास ने। नितिन दुबे और शर्मिला बिस्वास की सिंगिंग जोड़ी छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक सुपरहिट गीत दे रहे हैं और इनका हर गीत मिलियन क्लब में शामिल होता है। “हाय रे मोर मंदाकिनी” गीत के गीतकार बुधराज चौहान हैं,कोरियोग्राफर राम यादव हैं,पोस्टर डिजाइन राहुल विश्वकर्मा ने किया है और इस गीत के वीडियो का निर्देशन,एडिटिंग दीप्तांशु छड़िमली ने किया है। नितिन दुबे के जन्म दिन पर रिलिज़ इस गीत को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है।छत्तीसगढ़ का मान कला के क्षेत्र में बढाने वाले गायक संगीतकार अभिनेता नितिन दुबे को उनके लाखों करोड़ों फैन्स जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं दे रहे हैं।

नितिन दुबे का संगीतमय सफर
3 जुलाई 1981 को रायगढ़ छत्तीसगढ़ में जन्मे नितिन दुबे आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है,गायन हो या अभिनय,या फिर संगीतकार के रूप में फ़िल्म और एलबम में संगीत देने की बात हो,या फिर भजन गायन हो नितिन दुबे ने न सिर्फ इन सभी विधा में काम किया बल्कि हर विधा में सफलता हासिल करके छत्तीसगढ़ी गीत संगीत को गांव से शहर तक पहुंचा दिया और आज छत्तीसगढ़ के युवाओं में सबसे ज़्यादा इन्ही के गीत सुने और देखे जाते हैं। इतना ही नहीं नितिन दुबे की फैन फॉलोइंग लाखों नहीं करोडों में है क्योंकि वो छत्तीसगढ़ी गायक के रूप में यूट्यूब पर सबसे ज़्यादा सब्सक्राइबर वाले सिंगर हैं और 364 मिलियन व्यूवरशिप इनके यूट्यूब चैनल “नितिन दुबे ऑफिशियल” पर अब तक प्राप्त हो चुकी है और यूट्यूब जियोग्राफिकल एनालिटिक्स के अनुसार इनके गीत 18 से ज़्यादा देशों में देखे जाते हैं,छत्तीसगढ़ी गीत संगीत को इस मकाम पर पहुंचाने के लिए उन्हें “छत्तीसगढ़ रत्न” से भी सम्मानित किया जा चुका है। वो छत्तीसगढ़ी गायकों में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले सुप्रसिद्ध गायक बन चुके हैं। एक इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट के रूप में अपनी अलग पहचान बनाकर वो युवाओं के रोल मॉडल हैं। नितिन दुबे का ये संगीतमय सफर और इस मकाम पर पहुंचना इतना आसान नही था आइए जानते हैं उनके संघर्ष की कहानी

बचपन मे माँ से मिली गायन की प्रेरणा –
नितिन दुबे को गायन में रुचि अपनी माता कालिंदी दुबे से प्राप्त हुई जो सुबह सुबह पूजा के वक़्त भजन गाया करती थीं जिसे सुनकर नन्हे नितिन को भी उसी तरह गायन करने की इच्छा होने लगी,उनके इस रुचि को देखते हुए उनके पिता परमहंस दुबे जो कि स्वयं लोक संगीत बहुत अच्छा गाते थे उन्होंने नन्हे नितिन को गायन की बारीकियों को समझाया। आगे चलकर नितिन के स्कूल टीचर गुलाब राम चौहान ने नितिन को क्लासिकल राग सीखना शुरू किया। नितिन दुबे ने पहली मंचीय प्रस्तुति 1988 में महज 7 साल की उम्र में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में स्कूली मंच पर दी जिसमे उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। धीरे धीरे नन्हे नितिन ने जिला एवं राज्य स्तरीय संगीत प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरु किया और एक बाल कलाकार के रूप में ख्याति अर्जित कर ली। नितिन ने प्रारंभिक शिक्षा माँ सर्वेश्वरी हाई स्कूल रायगढ़ से पूरी की और इंटरमीडिएट की पढ़ाई नटवर हायर सेकेंडरी स्कूल रायगढ़ से पूरी की, नितिन ने बीएससी स्नातक गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से पूरी की। वैसे नितिन पहले डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था और उनका रुझान संगीत की तरफ बढ़ता गया। नितिन दुबे ने अपना पहला गीत “मनमोहिनी गाँव के गोरिया” सन 2001 में गाया था, जो कि एलबम “तैं दीवानी मैं दीवाना” एलबम का गीत था इस एल्बम में उनके दो गीत और थे “उड़ जा रे मैना” और “जावन दे जावन दे मोला”। ये एलबम तो सुपरहिट हुआ लेकिन नितिन को पहचान 2005 में रिलिज़ “हाय मोर चाँदनी” एलबम से मिली।ये एलबम रातों रात हिट नहीं हुआ बल्कि नितिन ने गांव गांव जाकर इसके ऑडियो कैसेट की मार्केटिंग खुद ही किया करते थे,कैसेट बेचने के लिए अपने एलबम की तारीफ़ करने में उन्हें झिझक होती थी इसलिए वो अपने चेहरे पर गमछा बांधकर अपने एलबम की पोस्टर चिपकाया करते थे,बहुत कठिन संघर्ष के बाद जाकर धीरे धीरे उन्हें सफलता हासिल हुई। नितिन छत्तीसगढ़ी संगीत जगत में पिछले दो दशक से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और भजन संगीत में उनका पहला भजन एलबम “चंद्रसेनी अमरकथा” था जो 2006 में रिलिज़ हुआ। आगे चलकर उन्होंने कई साई भजन और माता भजन रिलिज़ किए, सन 2013 में उनका मुंबई अल्ट्रा म्यूजिक से बॉलीवुड सिंगर सुरेश वाडेकर और साधना सरगम जी के साथ “साईं का सजदा” एलबम रिलिज़ हुआ जिसमें उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक भजन गायक के रूप में पहचान मिली। ऑडियो कैसेट से लेकर सीडी डीवीडी औऱ अब यूट्यूब डिजिटल प्लेटफॉर्म में भी नितिन दुबे टॉप पर हैं आज उनके यूट्यूब चैनल पर 8 लाख 82 हज़ार से भी ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं और उनके लगभग हर गीत मिलियन क्लब में शामिल होते हैंबऔर उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीत संगीत को एक अलग पहचान दी है। उनके सुपरहिट गीत रायगढ़ वाला राजा,चँदा रे,हाय मोर चाँदनी,गुलमोहर,हाय रे मोर कोचईपान,का तैं रूप निखारे चंदैनी,तोर बर मोर दिल बेकरार,हाय तोर बिंदिया,ओ जानेमन ओ दिलरुबा,नींद ले जागे,धीरे धीरे,चाँदनी 2,हाय रे मोर मुनगाकाड़ी, दिल के धड़कन,धड़कन के साज़,गोंदा तोला रे, दिल दे दे दुरुगवाली,बर्बाद कर देहे मोला,रायगढ़ वाला राजा 2, बर्बाद 2,दिल मा फीलिंग,रिमझिम पानी बरखा रानी,मेरे मन मे हैं राम,गौरी के लाला,प्रथम वंदना,साँचा है एक तेरा ही दरबार माँ,चंद्रसेनी अमरकथा,छत्तीसगढ़ के छत्तीसदेवी, कर नापत आहुँ,गणपति गणराज जैसे सैकड़ो लोकगीत,आधुनकि गीत एवं भजन जसगीत हैं जो युवाओं के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं।
2000 से भी ज़्यादा मंचीय प्रस्तुति देकर राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान
नितिन दुबे 1988 से लेकर अब तक पिछले 35 वर्षों से मंचीय प्रस्तुति देते आ रहे हैं और पिछले साढ़े तीन दशक में लगभग 2000 से भी ज़्यादा मंचीय प्रस्तुति देकर छत्तीसगढ़ का मान राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया है। नितिन दुबे कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के संगीत महोत्सवों में परफॉर्म कर चुके हैं। संगीत महोत्सवों में उनकी कुछ प्रमुख प्रस्तुतियां इस प्रकार हैं-
1-झंकार महोत्सव -1988,1993
2-सम्बलपुर लोक महोत्सव – 2002
3-छत्तीसगढ़ राज्योत्सव- 2009,2010,2021
4-चक्रधर समारोह- 2011,2012,2016
5-बस्तर लोकोत्सव- 2012
6-भोरमदेव महोत्सव-2018,2019
7- राजिम कुंभ – 2008,2014
8-नारायणपुर माता मावली मेला -2014,2023
9-जाज्वल्य देव महोत्सव-2018,2023
10-सुकमा कला महोत्सव – 2017
11-मैनपाट महोत्सव – 2023
12-चित्रकोट महोत्सव – 2023
13-गढ़िया महोत्सव-2023
इसके अलावा भजन के क्षेत्र में भी सिंगर नितिन दुबे अलग अलग राज्यों में रांची साईं महोत्सव, कटक साई महोत्सव, भुवनेश्वर साई महोत्सव, संबलपुर लोक महोत्सव, कोलकाता साई महोत्सव, टाटा नगर सावन महोत्सव जैसे कई राष्ट्रीय स्तर के मंचो पर झारखंड,ओड़िसा,पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में प्रस्तुति देकर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ा चुके हैं।
कला के क्षेत्र में मिल चुके हैं कई बड़े सम्मान
नितिन दुबे को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई बड़े सम्मान मिल चुके हैं जिनमें कुछ प्रमुख सम्मान इस प्रकार हैं
1- माटी रत्न – 2008
2- कला अनमोल रत्न – 2009
3- साईं आराधना सम्मान – 2017
4- छतीसगढ़ मेलोडी किंग सम्मान- 2022
5- केलो धरोहर सम्मान- 2023
6- बेस्ट प्ले बैक सिंगर “फ़िल्म – मिस्टर मजनू” { का तैं रूप निखारे चंदैनी } – 2023
7- छत्तीसगढ़ रत्न – 2023
8- साईं श्री सम्मान – 2023