दुर्ग । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नरवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी योजना अंतर्गत ग्रामीण आर्थिक विकास और आजीविका के केंद्र गौठान बनाये गये हैं। इन्हें बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणजन भी तेजी से रुचि ले रहे हैं। जिले के लगभग 176 गौठानों के लिए ग्रामीणों ने अब कुल 6078 क्विंटल पैरादान किया जा चुका है। पैरादान निरंतर किया जा रहा है। पैरा को चारे के लिए सुरक्षित किये जाने की व्यवस्थित रूप से रखने कुछ स्थानों में बेलर मशीन की सहायता ली जा रही है। जिसकी मदद से बंडल बनाते हुए गौठान के लिए पैरा रखा गया है।
जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि गौठानों को आगे बढ़ाने पैरादान आवश्यक है। बीते वर्षों में भी ग्रामीणों ने स्वतःस्फूर्त योगदान दिया और इस बार भी तेजी से लोग इस महती अभियान में अंशदान कर रहे हैं। इस बात की गहरी खुशी है कि लोग स्वतः ही अपने गौठानों को बेहतर करने पैरादान कर रहे हैं। इसके लिए अधिकारी भी विशेष रूप से प्रयत्न कर रहे हैं। ग्रामीण चौपालों के माध्यम से वे ग्रामीणों को प्रेरित कर रहे हैं। पिछले वर्षों में भी चूंकि इस संबंध में काफी जागरूकता है, अतएव सहजता से लोग यह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गौठान अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम केंद्र है, अतएव ग्रामीणों को लगता है कि इसे मजबूत करना है और इसके लिए वे स्वतः ही आगे आये हैं।
पैरादान में धमधा विकासखंड अभी सबसे आगे-
जिला पंचायत सीईओ ने बताया पैरादान करने में विकासखंड धमधा में सबसे ज्यादा 3504 क्विंटल पैरादान किया गया है। विकासखंड पाटन से 1775 क्विंटल और विकासखंड दुर्ग में 798 क्विंटल पैरादान में ग्रामीणों की भागीदारी है। उन्होंने बताया कि इस बार पैरादान करने वाले तीन सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके पहले कुछ किसान पराली के रूप में इसे जला देते थे लेकिन गौठान आरंभ होने पर अतिरिक्त पैरा के लिए भी अच्छी गुंजाइश बन गई है
सरपंच भूपेश्वरी राय ग्राम पंचायत दारगांव जनपद पंचायत धमधा ने बताया कि ग्राम के किसानों द्वारा स्वेच्छा से पैरादान किया गया है। ग्राम गौठान प्रबंधन समिति एवं पंचायत द्वारा लोगों को पशुओं एवं गौठान के महत्व को समझाकर पैरादान करने के लिए जागरूक किया गया। ग्राम के किसानों द्वारा गौठान के मवेशियों के लिए चारा व्यवस्था हेतु पैरा एकत्र कर गौठान में पहुचाया गया ताकि मवेशियों को चारा उपलब्ध हो सके गौठान में अब तक 29 टेक्टर, 174 क्विंटल पैरा एकत्रित की जा चुकी है। ग्राम के किसान चुन्नीलाल साहु, दिनबंधु एवं बाशीराम साहु अधिक संख्या में पैरादान में योगदान किया दिया गया है।