अंडा। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) बीआईटी दुर्ग द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवें दिन, 24 फरवरी 2025 को, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और भारतीय ज्ञान प्रणाली पर केंद्रित कई गतिविधियाँ संपन्न हुईं। शिविर का संचालन डॉ. अरुण अरोड़ा, प्राचार्य, बीआईटी दुर्ग के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शबाना नाज़ सिद्दीकी और अभिजीत लाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलावा, डॉ . मुकेश चंद्राकर, सहायक प्राध्यापक, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने भी इस शिविर में योगदान दिया।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर विशेष सत्र

शिविर के दौरान स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूक किया और डॉ. विनीता अभिषेक गुप्ता एवं डॉ. श्वेता खरया द्वारा छात्राओं को सैनिटरी पैड वितरित किए गए। इसके अलावा, दुर्ग मेडिकल हॉस्पिटल टीम द्वारा एक नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं की जांच करवाई।
परियोजना कार्य और पर्यावरण संरक्षण
स्वयंसेवकों ने गांव के लिए स्टूल तैयार किए, जो ग्रामीणों को वितरित किए जाएंगे। विद्यालय परिसर में स्थित मंदिर की रंगाई-पुताई कर उसे एक नया रूप दिया गया। साथ ही, स्वयंसेवकों द्वारा बनाई गई क्यारी में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) पर विशेष सत्र शिविर में डॉ. शुभ्रता नागपाल एवं राजीव नागपाल द्वारा भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय परंपरागत ज्ञान की महत्ता और आधुनिक युग में उसकी प्रासंगिकता पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर बीआईटी दुर्ग के विभिन्न संकाय के विभागाध्यक्ष एवं सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें शामिल थे – डॉ. सिंधु जे. नायर, डॉ. एनी थॉमश, डॉ. ज्योति पिल्लई , डॉ. अंजना शेखर, बी वर्गीस, डॉ. नागेंद्र त्रिपाठी, डॉ. एम.डी. पांडे, डॉ. अमित कुमार बिस्वास, बबिता वर्मा ,के. सुभाषिनी , शशांक तिवारी ।। एनएसएस बीआईटी दुर्ग का यह शिविर समाज सेवा, स्वास्थ्य जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में योगदान देते हुए ग्रामीण विकास को एक नई दिशा देने में सफल हो रहा है।