नंदनवन जंगल सफारी में सर्प कार्यशाला और पक्षी अवलोकन कार्यक्रम का सफल आयोजन

नवा रायपुर । आज नंदनवन जंगल सफारी में सर्पों और पक्षियों के संरक्षण, जागरूकता और उनके व्यवहार को समझने के उद्देश्य से विशेष कार्यशाला और पक्षी अवलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों ने न केवल प्रकृति प्रेमियों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान किया बल्कि सर्प और पक्षियों के प्रति विभिन्न भ्रांतियों को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सर्प कार्यशाला: विषैले और गैर-विषैले सर्पों पर ज्ञानवर्धक सत्र

नंदनवन जंगल सफारी के अनुभवी वॉलंटियर, डॉ. थिप्पी स्वामी ने जंगल सफारी में नए आए नेचर इंटर्न्स के लिए एक विशेष सर्प कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में सर्पों की पहचान, विषैले और गैर-विषैले सर्पों के बीच का अंतर, सर्पदंश के प्राथमिक उपचार, और सांपों से संबंधित आम भ्रांतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।


कार्यशाला के दौरान इंटर्न्स को सांपों की हैंडलिंग और रेस्क्यू के व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
कार्यशाला का एक विशेष भागीदारी Deaf संगठन के 140 सदस्यों की उपस्थिति रही। इन सदस्यों को सर्पों के बारे में साइन लैंग्वेज के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई। इन्ही सदस्यों में से एक के पुत्र 12 वर्षीय गुरदीप अग्रवाल ने सर्प विशेषज्ञ डॉक्टर थिपी स्वामी की विचारों को साइन लैंग्वेज में बदलकर सत्र को अत्यंत इंटरएक्टिव और प्रभावशाली बनाया। यह आयोजन इन सदस्यों के लिए एक अनोखा और शिक्षाप्रद अनुभव साबित हुआ।

पक्षी अवलोकन कार्यक्रम: ग्राम बेंदरी में जैव विविधता का अनुभव

इसी दिन सुबह, नंदनवन जंगल सफारी में आए 15 नेचर इंटर्न्स और पक्षी विशेषज्ञ श्री मोहित साहू, मनजीत कौर बल सहित अन्य वॉलंटियर्स की उपस्थिति में ग्राम बेंदरी के तालाब में पक्षी अवलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों जैसे भारतीय रोलर, जलकाग, प्लेन प्रिनिआ, यूरेशियन कलर लाफिंग डव, लाफिंग डव, पाइड किंगफिशर, वाइड थ्रोटेड किंगफिशर, कॉमन सैंड पाइपर, सरपेंट ईगल, रेड वेंटेड बुलबुल, इंडियन गोल्डन ओरिओल, कॉमन मैना, पाइड स्टर्लिंग, ब्राह्मणी स्टर्लिंग आदि पक्षियों को देखा गया। पक्षी विशेषज्ञों ने पक्षियों की पहचान, उनकी आदतों, प्रवास और उनके पर्यावरणीय महत्व पर जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम ने इंटर्न्स और वॉलंटियर्स को पक्षी संरक्षण और उनके पर्यावरणीय महत्व को समझने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया।

यह आयोजन न केवल वन्यजीवों और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था, बल्कि इसने युवाओं को प्रकृति और वन्यजीवों के साथ जुड़ने का अवसर भी प्रदान किया।