नगर पंचायत बेरला में संपन्न हुआ सुग्घर साहित्य महोत्सव
आनंद का इत्र,हमर गवंई गाँव, शब्दों के आईने में झाँकते हुए, चंदन वन में गूँजे इन किताबों का हुआ विमोचन


बेरला।साहित्यिक गतिविधियों में सफलता की ओर एक और नया कदम बढ़ाते हुए सुग्घर साहित्य समिति बेरला जिला बेमेतरा द्वारा 15 जुलाई दिन शनिवार को नगर पंचायत बेरला में विकास कश्यप की नई कविताओं का संग्रह “आनंद का इत्र” गीतकार राजकुमार निषाद राज एवं ओज कवि कमलेश वर्मा द्वारा सम्पादित साझा काव्य संग्रह “हमर गवंई गाँव”, डॉ. उत्तम कुमार देवांगन की प्रथम काव्य कृति “शब्दों के आईने में झाँकते हुए”, डॉ. राजेन्द्र पाटकर की किताब “चंदन वन मे गूँजे” नामक किताब का विमोचन बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र विधायक आशीष छाबड़ा, बेरला ब्लॉक कोंग्रेस कमेटी अध्यक्ष रामेश्वर देवांगन, नगर पंचायत बेरला उपाध्यक्ष भारत भूषण साहू, पंथी नृत्य के सुप्रसिद्ध कलाकार पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले , मिनीमाता सम्मान से सम्मानित सुश्री अमृता बारले, राजधानी रायपुर से पधारे अंतर्राष्ट्रीय भाषाविद एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चितरंजन कर , दुर्ग जिले से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार बलदाऊ राम साहू, सुग्घर साहित्य समिति संरक्षक डॉ. राजेंद्र पाटकर “स्नेहिल” सुग्घर साहित्य महोत्सव 2023 अध्यक्ष,भवानी हॉस्पीटल बेरला संचालक डॉ. चुरामन सिंह साहू, के करकमलों से सम्पन्न हुआ । सुग्घर साहित्य महोत्सव के दौरान बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र विधायक छाबड़ा ने जिन साहित्यकारों की किताबों का विमोचन हुआ उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की साथ ही उक्त साहित्यिक आयोजन को एक उत्कृष्ट आयोजन बताते हुए सुग्घर साहित्य समिति की सराहना की । विधायक आशीष छाबड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि “साहित्यकार समाज के सजग प्रहरी होते हैं वे अच्छाई और बुराई दोनों पक्ष का मंथन करने के पश्चात ही अपनी कलम चलाते हैं ।
जो सभी का सम्मान चाहता हो, जो सभी का हित कर सकता हो वही साहित्यकार हो सकता है ।”जिला दुर्ग से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार बलदाऊ राम साहू ने कहा कि “आज साहित्यकारों की रचनाओं के पाठक बहुत ही कम है लगभग साहित्यकार ही पढ़ते हैं, प्रकाशक भी उनकी रचनाओं को नही पढ़ते हैं और ऐसे ही प्रकशित कर देते हैं जिससे साहित्यकार को ही अपनी रचनाओं में वर्तनी के दोष का निराकरण करना होता है । आज प्रकाशक का कार्य एक निश्चित व्यवसाय हो चूका है । “लोक कलाकार सुश्री अमृता बारले ने सभी साहित्यकारों को नमन करते हुए कहा कि साहित्यकार जो लिखते हैं हम वही गाते हैं हम कलाकार वही आपको सुना पाते हैं ।” सुप्रसिद्ध भाषाविद एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चितरंजन कर ने अपने सरगर्भित उदबोधन में कहा कि “जो व्यक्ति यह कहता है कि उसके पास कविता लिखने के लिए समय नही है,जो अलग से फुर्सत की तलाश करता है वह कवि नही हो सकता । एक अच्छा कवि ही एक अच्छा लेखक हो सकता है और वक्तव्य कविता नही होती है । गद्य और पद्य रचना में अंतर बताते हुए उन्होंने कहा कि गद्य में शब्द बोलते हैं जबकि पद्य में मौन बोलता है ।” उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत क़ृषि, कला,साहित्य, शिक्षा, संगीत,स्वास्थ्य,पर्यावरण, मिडिया आदि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हस्तीयों को सुग्घर सम्मान से सम्मानित किया गया जिनमे कृषक दुर्गा प्रसाद टिकरिहा,कलाकार विनय ताम्रकार, साहित्यकार सुनील झा एवं बिसाहू राम साहू,संगीतकार रामस्वरूप साहू (रामा), शिक्षक हरीशचन्द्र वर्मा, डॉ. जीतेन्द्र कुंजाम, बापू जनकल्याण सेवा संस्था,हरियाली संरक्षक न्यू स्पोर्ट्स क्लब पिरदा एवं वरिष्ठ पत्रकार रिज़वान खान को सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के द्वितीय सत्र के दौरान मंच पर काव्य पाठ प्रारम्भ हुआ जिसमें धर्मेन्द्र डहरवाल हरहा, रश्मि वर्मा, हरीश पटेल, ताकेश्वर साहू, बलराम ठाकुर,सुरेश निर्मलकर, राजकुमार निषाद राज, लीलेश्वर देवांगन, दीपक निषाद, ईश्वर निषाद, डॉ. उत्तम कुमार देवांगन, डॉ.चुरामन सिंह साहू, विक्रम अपना, मोहित यदु, मुकेश साहू, विकास कश्यप, जगदीश सोनी, मूलचंद साहू, राधिका पटेल,ईश्वर साहू आरुग, दिलीप टिकरिहा सरस्वती साहू, नारायण प्रसाद वर्मा चंदन, मानसी मानस, सुनील बंछोर, जलेश्वर दास मानिकपुरी, नरेंद्र साहू आदि ने अपनी बेहतरीन रचनाओं की प्रस्तुति दी जहाँ सभी रचनाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया । कार्यक्रम का शानदार मंच संचालन ओज कवि कमलेश वर्मा, सुरेश निर्मलकर सरल, राम हृदय वर्मा ताकेश्वर साहू के द्वारा किया गया । कार्यक्रम के अंत में सुग्घर साहित्य समिति के अध्यक्ष सुप्रसिद्ध नारायण प्रसाद वर्मा चंदन ने सभी को आभार ज्ञापित किया ।