रायपुर। संभाग आयुक्त बिलासपुर ने सक्ती के तत्कालीन उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को डायवर्टेड जमीन का गैर आदिवासी को रजिस्ट्री के मामले में निलंबित कर दिया था, जबकि इस संबंध में कलेक्टर ने यह आदेश पारित किया था कि डायवर्टेड भूमि के मामले में कलेक्टर की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। डायवर्टेड जमीन को गैर आदिवासी को बेचने पर भू राजस्व संहिता की धारा 165 (6) के प्रावधान लागू नहीं होते।
उप पंजीयक ने कलेक्टर के इस आदेश के आधार पर ही सदभावनापूर्वक रजिस्ट्री की कार्यवाही किया था। इस मामले में माननीय मंत्री ओपी चौधरी के संवेदनशीलता एवं न्यायशीलता दिखाया, जिसके फलस्वरुप महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए निलंबन आदेश को अपास्त कर उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को बहाल किया गया। छत्तीसगढ़ पंजीयन मुद्रांक संघ मंत्री के इस संवेदनशीलता और न्यायशीलता के प्रति आभार व्यक्त करता है एवं सादर धन्यवाद ज्ञापित करता है।