बस्ता विहीन व्यावसायिक शिक्षा के तहत गोदना आर्ट प्रारंभ

रायपुर । राष्ट्रीय पाठ्यचर्या व शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बच्चों को प्रादेशिक कलाओं के माध्यम से अपनी शिक्षा को बेहतर बनाने की दृष्टि से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कोलिहापुरी में बस्ता विहीन व पूर्व व्यवसायिक शिक्षा प्रारंभ की गई है । इसके तहत प्रधान पाठक व नवाचारी शिक्षक राम कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के देवार जाति द्वारा सृजित ‘गोदना’ को ‘चित्रांकन कला’ के रूप में बच्चों के मध्य हस्तांतरित किया जा रहा है ।इसके तहत छत्तीसगढ़ के बैगा जनजाति ,सरगुजा क्षेत्र व रायगढ़ सहित शिवरी नारायण क्षेत्र में प्रचलित रामनामी गोदना पर विशेष रूप से बच्चों को परिचित कराया जा रहा है । इसके माध्यम से देवारों की विलुप्त होती उत्कृष्ट कला के साथ ही अंगालेखन की मुख्य विधा गोदना की उत्पत्ति, उसके चलन, उसकी प्रक्रिया व छत्तीसगढ़ की परंपरा में समाहित व्यवसायिक कला को आत्मसात करने की प्रेरणा दी जा रही है ।साथ ही लोक वाद्यों दफड़ा, निसान, डमउ, टिमकी, झुमका, खद्दर, झांझ, मोहरी, चिकारा, आदि का वादन व मिट्टी के बर्तनों में चित्रांकन करने की कला बच्चों को सिखाई जा रही है । इसमें स्थानीय विशेषज्ञों कुलेश्वर यादव, आशा साहू, रानी पारधी सहित चेचानमेटा व दुर्ग सिकोला भाठा की देवारीनों को कला विशेषज्ञों के रूप में आमंत्रित किया गया है । इसमें शाला की शिक्षिका लक्ष्मी देवांगन, आरती चंद्राकर, योगिता शर्मा, रविकांत देवांगन सहित बीएड छात्र अध्यापक तिलक राम बर्मन, दुर्गेश्वरी, पूर्णिमा नेताम, विनोदनी,धन्नु सुमन, इंदु वर्मा, चांदनी साहू, केशनी ,पूजा शर्मा, ऋतु सिंह, देवीका ,हमेश्वरी आदि का सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है। विषय शिक्षण के बच्चों को प्रादेशिक कलाओं के माध्यम से सृजनशील बनाने की गतिविधियां करने पर ग्राम सरपंच ज्वाला प्रसाद देशमुख, उपसरपंच सुनील मिश्रा, जनपद सदस्य ज्ञानेश्वर मिश्रा, वरिष्ठ समाजसेवी केशव बंटी हरमुख सहित समग्र शिक्षा के मिशन संचालक सुरेंद्र पांडेय,कला शिक्षा प्रभारी डाइट दुर्ग व्ही व्ही आर मूर्ति, समग्र शिक्षा विवेक शर्मा, संकुल प्राचार्य शाजी एंथोनी, संकुल समन्वयक केतु राम यादव पुलगांव सहित पालकों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।