“जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान डाइट दुर्ग (अछोटी) में हुआ शिक्षक दिवस कार्यक्रम का आयोजन”, स्रोत शिक्षकों का हुआ सम्मान”

दुर्ग । जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान डाइट दुर्ग (अछोटी) में शिक्षक दिवस कार्यक्रम का आयोजन संस्था की प्राचार्य डॉ. रजनी नेल्सन के संयोजन में श्रीमती मंजूलता पशीने ( सेवानिवृत्त संस्थापक प्राचार्य डाइट दुर्ग ) के मुख्य आतिथ्य एवं अर्जुन मेश्राम , डॉ. कल्पना द्विवेदी , सोनाली चक्रवर्ती , शैलजा सुरेश , संतोष झांझी के विशिष्ट आतिथ्य में किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे एवम डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के शैल चित्र में पूजा अर्चना वंदना के साथ हुआ । पश्चात राज्यगीत ” अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार ” की प्रस्तुति प्राचार्य डॉ. रजनी नेल्सन , श्री लखेश्वर साहू के मुख्य स्वर में सामूहिक रूप से हुआ । भारतीय परंपरा अनुरूप अतिथियों का स्वागत सुमनगुच्छ से संस्था की प्राचार्य एवम नदीम सर , दुबे मैडम , साहू मैडम , चंद्रवंशी सर , धुरंधर सर द्वारा किया गया । कार्यक्रम का संचालन करते हुए मैडम वंदना सिंह द्वारा डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन दर्शन के बारे में प्रकाश डाला गया । पश्चात शिक्षा के क्षेत्र में अपने नवाचारी गतिविधियों के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्त्रोत शिक्षकों — विवेकानन्द दिल्लीवार, ऋषिकांत शुक्ला , राइया खान , के.के.धुरंधर , ललित कुमार बिजौरा , मोहित कुमार शर्मा , गोपेन्द्र साहू , लखेश्वर साहू , परसराम साहू , उमा श्री , मंजू सिंह , श्वेता दुबे , उषा साव , डॉ.सरिता साहू , डॉ.अविनाश अवस्थी , रश्मि नामदेव , प्रज्ञा सिंह , मारिया जैस्मीन , दुर्गेश नन्दनी , आरती शुक्ला , पवन यादव , कैशरीन बेग , लेखराम साहू , वरुण निषाद , जी.एल.खुशयाम , रामकुमार साहू , मिलिंद चंद्रा , द्रोणकुमार सार्वा , जयंत पटेल , रविन्द्र चंद्राकर , टीकम वर्मा , वर्षा हरिहरणो , डॉ.लक्ष्मी वर्मा को श्रीफल एवम लेखनी उपकरण के माध्यम से डाइट प्राचार्य तथा अतिथियों द्वारा सम्मानीत किया गया । डाइट प्राचार्य द्वारा समस्त अतिथियों का परिचय देते हुए उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर डॉ.कल्पना द्विवेदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समय समय पर शिक्षा नीतियां बनती रहती है हमें बच्चों को तनावमुक्त वातावरण में सकारात्मक सोच के साथ कार्य करना चाहिए उपलब्धि मिलेगी। शैलजा सुरेश ने कहा कि समय प्रबंधन, बच्चों सह परिवार को उचित वातावरण देना आवश्यक है। सोनाली चक्रवर्ती ने अपने उदबोधन में बताया कि श्रमिक बस्ती में सहयोग कर उनकी शैक्षिक विकास के लिए काम करना , नशा उन्मूलन आदि पर कार्य किया। प्रमुख माध्यम कलाकृति गायन रहा । संतोष झांझी ने कहा कि गणित से भय की मुक्ति शिक्षक के ही प्रयास से मिली। उन्होंने कहा दुःख है तो ही सुख मिलती है । अर्जुन मेश्राम ने कहा समस्या के समाधान के लिए नवाचारी पहल सदैव अपेक्षित रहता है । मुख्य अतिथि की आसंदी से मंजूलता पशीने ने कहा कि सीखना एक प्रक्रिया है , इच्छाशक्ति हर आयोजन की सफलता की प्रथम सीढ़ी है । समाज एवम छात्रों के इच्छाओं पर खरा उतरने प्रयास आवश्यक है । शिक्षक दिवस कार्यक्रम का समन्वय व्ही.आर मूर्ति द्वारा किया गया । आभार प्रदर्शन प्राचार्य डॉ. रजनी नेल्सन द्वारा एवम संचालन मैडम वंदना सिंह एवम नीलम दुबे मैडम द्वारा किया गया । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ ।