मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष 11 जून 2025 को मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना है। इस दृष्टि से कृषकों द्वारा खरीफ फसल की तैयारी हेतु खेत की जुताई, बीज, उर्वरक, जैविक खाद की व्यवस्था की जा रही है। जिले में खरीफ फसल का रकबा 184400 हेक्टेयर है, जिसमें धान्य फसल का 174215 हेक्टेयर, मक्का 2100 हेक्टेयर, दलहन फसल 1295 हेक्टेयर एवं तिलहन 3340 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। फसलों के उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, चूंकि राज्य स्तर पर डीएपी उर्वरक की कमी की आशंका व्यक्त की गई है। पौधों के फास्फोरस एवं नत्रजन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु अन्य उर्वरकों की वैकल्पिक व्यवस्था करना आवश्यक है। कृषकसेवा सहकारी समितियों के माध्यम से अधिकांश मात्रा में उर्वरकों का अग्रिम उठाव कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा इस परिप्रेक्ष्य में किसानों को यदि डीएपी की कमी होने पर अन्य उर्वरकों का उपयोग कर फसलों का अधिकतम उपज प्राप्त करने तकनीकी सलाह दी गई है।
धान की जल्दी पकने वाली व देशी किस्म हेतु 24 किलोग्राम नाइट्रोजन, 16 किलोग्राम स्फूर एवं 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 52 किलोग्राम यूरिया, 100 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 50 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 39 किलोग्राम यूरिया या 80 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स कॉम्प्लेक्र उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 18 किलोग्राम यूरिया एवं 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
धान की बौनी किस्में 141 दिन से अधिक हेतु 32 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम स्फूर एवं 12 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 70 किलोग्राम यूरिया, 125 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 62 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 54 किलोग्राम यूरिया व 4 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 100 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 :13), 26 किलोग्राम यूरिया एवं 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
धान की बौनी किस्में मध्यम अवधि 126-140 दिन हेतु 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम स्फूर एवं 16 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 87 किलोग्राम यूरिया, 150 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 75 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 67 किलोग्राम यूरिया व 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 120 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 35 किलोग्राम यूरिया एवं 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में नैनो उर्वरकों पर किये गये प्रयोग के आधार पर धान की फसल में नैनो डीएपी 5 मिली प्रति किलो बीज से बीज उपचार या जड़ उपचार तथा बोवाई व रोपाई के 30 दिन बाद एक बार 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से पत्तियों पर छिड़काव करने से पारम्परिक डीएपी की अनुशंसित मात्रा में 25 प्रतिशत की बचत की जा सकती है। धान फसल में नैनो यूरिया 4 मिली प्रति लीटर पानी की दर से दो बार बोवाई व रोपाई के 30 से 35 दिन एवं 55 से 60 दिन की अवस्था में छिड़काव करने से पारम्परिक यूरिया की अनुशंसित मात्रा में 25 प्रतिशत की बचत की जा सकती है।
मक्का संकुल किस्में हेतु 32 किलोग्राम नत्रजन, 16 किलोग्राम स्फूर एवं 12 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 70 किलोग्राम यूरिया, 100 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 50 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 56 किलोग्राम यूरिया 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ म्यूरेट ऑफ पोटाश या 80 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 35 व 7 किलोग्राम यूरिया एवं 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
मक्का संकर किस्में हेतु 40 किलोग्राम नत्रजन, 24 किलोग्राम स्फूर एवं 16 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 87 किलोग्राम यूरिया, 150 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 75 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 67 किलोग्राम यूरिया व 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 120 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 35 किलोग्राम यूरिया एवं 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
सोयाबीन, मूंगफली हेतु 8 किलोग्राम नत्रजन, 32 किलोग्राम स्फूर एवं 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 17 किलोग्राम यूरिया, 200 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 100 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16) या 160 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
अरहर, मूंग एवं उड़द हेतु 10 किलोग्राम नत्रजन, 20 किलोग्राम स्फूर एवं 4 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 63 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 5 किलोग्राम यूरिया या 100 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
रागी, कोदो हेतु 20 किलोग्राम नत्रजन, 16 किलोग्राम स्फूर एवं 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑप पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 50 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 30 किलोग्राम यूरिया या 80 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 9 किलोग्राम यूरिया व 13 म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।

- May 30, 2025
डीएपी की कमी के कारण वैकल्पिक स्रोत के रूप में अन्य उर्वरकों के उपयोग हेतु तकनीकी सलाह
- by Ruchi Verma