केस 1- बटरेल की 65 साल की महिला हाट बाजार के मोबाइल यूनिट में पहुंची। बीपी की दवा लेती हैं। पैर सूजे हुए थे इसलिए किडनी के फंक्शन की स्थिति जानने के लिए रेनल टेस्ट हेतु सैंपल हमर लैब पाटन भेजा गया। इसमें रिपोर्ट आई कि किडनी की समस्या प्रारंभिक रूप से आरंभ हो गई है। जिला अस्पताल में उनका इलाज आरंभ हो गया जिससे प्रारंभिक रूप से ही चिन्हांकन होने से इलाज में आसानी हो रही है।
केस 2 – पाटन सीएचसी में डिलीवरी के पश्चात नवजात शिशु को पीलिया की समस्या देखी गई। लिवर फंक्शन टेस्ट हेतु तुरंत सैंपल भेजा गया। सैंपल के नतीजे अलार्मिंग थे। तुरंत फोटो थैरेपी मशीन के लिए अनुशंसित किया गया। बच्चे का तुरंत इलाज आरंभ हो गया और स्थिति नियंत्रण में आ गई।
केस 3 – औंधी में मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए जो महिला हितग्राही चुनी गई। उसका सैंपल हमर लैब में भेजा गया। तुरंत रिपोर्ट आ गई। इसके बाद जिला आपरेशन में जब इलाज के लिए आगे भेजा गया तो फिर टेस्ट कराने की दिक्कत नहीं रही।
हमर लैब के आरंभ होने के बाद 9000 से अधिक सैंपल कलेक्ट किये जा चुके हैं और इनकी रिपोर्ट दी जा चुकी है। बीएमओ पाटन डा. आशीष शर्मा ने बताया कि हमर लैब हब एंड स्पोक माडल पर काम कर रहा है। यहां पाटन सीएचसी ही नहीं, आसपास के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और मोबाइल मेडिकल यूनिट के सैंपल पहुंचते हैं।