ऑटो चालकों की मनमानी, नियम को ताक पर रख जानवरों की तरह ठूंस कर ढो रहे हैं सवारी

आशीष दास

कोंडागांव/बड़ेडोंगर । जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी से राहगीर परेशान हैं। नियमों को ताक पर रखकर ये बेखौफ जानवरों की तरह ठूंस कर सवारियां ढो रहे हैं। इन्हें न तो पुलिस का खौफ है, और न ही सवारियों के जीवन की चिंता। जहां मन में आया ये अपने वाहन को रोक सवारियां उतारने बिठाने लगते हैं। जिसके चलते बड़ी दुर्घटना का खतरा अक्सर बना रहता है। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि पुलिस के नाक के नीचे यह सब चल रहा है लेकिन पुलिस प्रशासन आंख मूंदे बैठे हुए हैं।

मामला बड़ेडोंगर से दूरस्थ क्षेत्र का है जहां राहगीर विकासखंड मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए इन ऑटो रिक्शा का सहारा लेते हैं लेकिन ऑटो रिक्शा वाले इसका फायदा उठाते हुए ग्रामीणों से 15 किमी के एवज में 40 रुपए वसूल रहे हैं। वहीं बड़ेडोंगर से फरसगांव और लाचार ग्रामीण जिसे देने को मजबुर है।

दरअसल पिछले 19 सितंबर को इसी ऑटो रिक्शा में ओवर लोडिंग के चलते एक दर्दनाक हादसे से बोरगांव में 09 लोगों ने अपनी जान गवाई। इससे शासन प्रशासन को कोई सबक नहीं मिला। ऐसा लगता है कि शासन प्रशासन को ऐसे हादसे की पुनरावृति का इंतजार है।

राहगीरों से बात करने पर पता चला कि ऑटो रिक्शा वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से मनमानी किराया वसूल करते हैं और साथ में 8-10 लोगों को ऑटो में ठुंसकर गंतव्य तक पहुंचाते हैं, और ताज्जुब की बात यह है कि उरंदाबेड़ा थाना व बड़ेडोंगर थाना होने के बावजूद इन ऑटो रिक्शा पर कोई कार्यवाही नहीं होता और यह बेखौफ मनमानी किराया वसूली और लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं।

थाना प्रभारी बड़ेडोंगर सुनील खेस कहते हैं कि इस विषय पर कोई भी शिकायत अभी तक नहीं मिला पर यह गंभीर विषय है। पुलिस की टीम समय-समय पर अभियान चलाती रहती है और आगे इस विषय पर तेज़ अभियान चलाएगी और लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिलेगी।

इस विषय पर बात करने कोंडागांव आरटीओ अधिकारी गौरव साहू से मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।