व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में जीवन का सौंदर्य सन्निहित है,
रूखमणी विवाह की कथा पर आध्यात्मिक  विवेचन करते हुए प्रवचनकर्ता सद्गुरु संत श्री– निरंजन महाराज जी

संजय साहू अंडा। ग्राम मोहदींपाट बाबा धाम के देवांगन परिवार के तत्वाधान में भागवत महापुराण की कथा के माध्यम से मानव जीवन मे प्रवृति का चिंतन करना है,
आज के परिवेश में हर कोई दूसरे को सुधारने के लिए आगे रहता है लेकिन अपने आप को नही सुधारता, जिस दिन व्यक्ति अपने आप को सुधार ले तो समूचे राष्ट्र से हो रहे आपराधिक कार्यों पर अंकुश लग जायेगा। अपने व्यक्तित्व को निखारने से मानव जीवन का सौंदर्यीकरण हो जाएगा। मन को निर्मल करे तन अपने आप ही निर्मल हो जायेगा, मानसिकता को परिवर्तित करना होगा तभी जीवन सुदृढ रूप से चल सकती है।
                  उक्त संदेस ग्राम मोहदींपाट बाबा धाम में  देवांगन परिवार के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा  में वृंदावन लीला ,रास लीला, कंसवध, रूखमणी विवाह की कथा पर आध्यात्मिक  विवेचन करते हुए प्रवचनकर्ता सद्गुरु संत श्री निरंजन महाराज जी श्री भागवत आश्रम लिमतरा ने कहा। संत श्री ने आगे कहा जीवन का सुख दुख दोनो झूठा है सुख दुख धूप और छांव की भांति है जो पल भर में परिवर्तित होते रहती है इसलिए दोनों से ऊपर उठकर सब कुछ परमात्मा के हाथों सौप दे।
                आगे संत श्री जी ने कहा आज भारत देश के अंदर गौ वध किया जा रहा है जो कि भारत माँ की माटी पर कलंक साबित हो रहा है एक माँ के ऊपर रहकर एक माँ का वध करना बहुत ही अशोभनीय है गौ समूचे राष्ट्र की माता है गौ माता का पालन हो वध नही। भगवान ने भी गौपालन कर गोपाल कहलाये। हर घर मे एक गौ माता का पालन हो। गौ माता के अंदर तैतीस कोटि देवी देवताओं का साक्षित्व होता है गौ माता की सेवा करने से तैतीस कोटि देवी देवता प्रसन्न होते है। गो वंश का वर्धन करना ही गोवर्धन लीला का सार भाव है ।
                रास लीला का भाव जीवन के श्वास से है प्रभु प्रदत्त श्वास की कड़ियाँ एक साथ सभी के अंदर प्रवाहित होना ही मानव जीवन मे प्रभु के द्वारा किया जा रहा रास है, जीव के एकत्व भाव को परिलक्षित करता है रास लीला। ईश्वर और जीव में कोई भेद नही दोनो एक ही है जीव का बिना परमात्मा के अलग से कोई अस्तित्व नही है ।
                आगे महाराज श्री जी ने कहा रूखमणी मंगल की कथा जीवन मंगल की कथा है जो भी कुंवारी कन्या रूखमणी मंगल की कथा सुनती है तो उसे श्री कृष्ण जैसा सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है । आयोजक परिवार के द्वारा रूखमणी कृष्ण की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई जिसे देख समस्त श्रोता भाव विभोर होकर विवाह के मंगल गीतों पर नृत्य करके रूखमणी विवाह सानन्द सम्पन्न हुआ। संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन आज दिनांक 10.01.2024, दिन-बुधवार श्री सुदामा चरित्र द्वारिका तीला भाव, यदुवंश छ्य परीक्षित मोक्ष पश्चात भगवान श्री विग्रह में तुलसी दल अर्पण, (चढौत्री कार्यक्रम) दिनांक 11.01.2024, दिन-गुरुवार श्री गीतासार प्रवचन हवनपूर्णाहुति कपिलातर्पण, सहस्त्रधारा स्वान होगा। यह जानकारी लखन लाल देवांगन और सरपंच सुशीला देवांगन, जयंत्री देवी देवांगन , गीता देवी देवांगन ,सुरेश-पुष्पा देवांगन, शशीकांत-वंदना देवांगन ,नरेश-दिव्या देवांगन , नूनकरण देवांगन, टीकम देवांगन, कल्पना दीपक देवांगन, इन्द्राणी रानी नारायण देवांगन सहित हजारों की संख्या में ग्रामीण जन इस भागवत कथा में उपस्थित थे।