पाटन। ग्राम पंचायत तरीघाट में ग्राम सभा का प्रस्ताव के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। वही पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया उसके लिए भी पंचायत को राजस्व ओर पुलिस विभाग का सहयोग नहीं मिला। इसके बाद ग्रामीणों के साथ अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर सड़क जाम करने बैठे ग्राम पंचायत तरीघाट के सरपंच अशोक साहू को पुलिस उठा कर थाना ले गई। हालांकि कार्रवाई तो कुछ नही किया थोड़ी देर बाद उसे वापस छोड़ दिया। लेकिन इस कार्रवाई को लेकर अब ग्रामीण में तथा पंचायत प्रतिनिधियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इसके बाद कुछ लोगो ने सरपंच अशोक साहू सहित कुछ पंचों पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुवे उसे भी हटाने की मांग किया जिसके बाद तहसीलदार प्रकाश सोनी ने हल्का पटवारी को तत्काल आदेश जारी कर सरपंच अशोक साहू सहित कुछ अन्य पंचों के जमीन को नापजोख का आदेश दिया आदेश के बाद नापजोख भी शुरू हो गया। पहली बार राजस्व विभाग को इतनी फुर्ती से काम करते देखा गया। वही तरीघाट के सरपंच अशोक साहू ने कहा की प्रशासन पंचायत का प्रस्ताव को भी दरकिनार कर रहे है। बल्कि जो लोग अतिक्रमण किए है उसी का सहयोग कर रहे है। उन्होंने बताया की जनहित से जुड़े स्वास्थ्य केंद्र तथा विश्राम गृह निर्माण में को अतिक्रमण आड़े आ रहे है उसे ही पंचायत हटवाने के लिए प्रस्ताव लिए है।
सरपंच अशोक साहू ने बताया की कई दिन पहले राजस्व विभाग और पुलिस विभाग को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाने के तिथि की जानकारी दिए थे जिससे कि राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर रहे ताकि की भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न बने। लेकिन राजस्व ओर पुलिस विभाग द्वारा पंचायत के प्रस्ताव के अनुसार कार्य सहयोग नहीं किया गया अलबत्ता सरपंच को हो उठा कर ले गया।
सरपंच ने कहा मेरा अतिक्रमण होगा तो मैं स्वय हटा दूंगा
सरपंच अशोक साहू ने कहा की तहसीलदार के निर्देश पर पटवारी ने मेरी जमीन का नापजोख किया है। मेरा अगर अतिक्रमण होगा तो वे स्वय हटा देंगे। लेकिन इसके बाद राजस्व विभाग भी तैयार रहे और पंचायत को सहयोग करे की जो ग्राम पंचायत ने अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव लिए है उस सब अतिक्रमण को हटवाने में पंचायत का सहयोग करे।
तीन साल से प्रयास कर रहे अतिक्रमण हटाने का पर सफल नहीं हुवे
सरपंच अशोक साहू ने बताया की तीन साल पहले से अतिक्रमण हटाने का प्रयास पंचायत कर रही है लेकिन अभी तक नही हटा पाए है। कुछ साल न्यायालय में प्रकरण चला इसके बाद दो तीन बार समय निर्धारित किया गया लेकिन प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने के कारण अतिक्रमण नहीं हटा पाया। उन्होंने बताया की पूर्व के पंचायत कार्यकाल में भी अतिक्रमण हटाने प्रस्ताव लिया गया था। उस समय भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका था ।