कल मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ यात्रा की हुई शुरूआत, आज रानीतराई पहुंची रथ, बाजार में एलईडी स्क्रीनिंग कर महिलाओं को किया जागरूक

रानीतराइ । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा शुरू की गई है। मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के करसा गांव से हुई। शुभारंभ के दूसरे दिन यह रथ आज ग्राम पंचायत रानीतराई पहुंचा और रानीतराइ बाजार में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना महतारी न्याय रथ के माध्यम से सामाजिक सुधार के वीडियो के माध्यम से महिलाओं को जागरूक किया गया।

इनमें मुख्य रूप से भोर के किरण (टोनही प्रताड़ना), नन्ही परी (भ्रूण हत्या), कैसे कहूं ना (नशामुक्ति), ‘‘बोलते दरख्त’’ (मानव तस्करी), भंवर (साइबर क्राइम), खुशी (पास्को एक्ट, घरेलु हिंसा गुडटच, बैडटच), फुलवा (घरेलु हिंसा और नशा), ‘‘अधिकार किसका’’ (प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण, दहेज प्रताड़ना), सार्थक (बालश्रम और बंधवा मजदूरी) फिल्में शामिल हैं। इसके साथ ही स्त्री शिक्षा, नाबालिकों का विवाह और उनका घर से भाग जाना जैसे विषयों को भी इसमें शामिल किया गया है।

छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क के नए नए आयामों के जरिए शासन अपनी विभिन्न योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास करती है इसी कड़ी में बहुत पहले से चले आ रहे रानीतराइ बाजार में छत्तीसगढ़ महतारी न्याय रथ के द्वारा एलईडी प्रोजेक्टर वेन के जरिए प्रदेश में महिलाओं के उत्थान के लिए चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी दी गई। आस पास के गांवों से बाजार पहुंचे महिलाओं ने इसको देखा, समझा और शासन की महती योजनाओं को जाना। इस अवसर पर ग्राम पंचायत सरपंच निर्मल जैन, जनपद सदस्य रवि सिन्हा सहित आस पास के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका मौजूद रहे।

रथ के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय विधिक जागरूकता पर बनी चयनित और पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई गई। गांव-गांव में भ्रमण कर महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में जानकारी दी जा रही है, यह छत्तीसगढ़ शासन की बहुत ही सराहनीय प्रयास है, इसके लिए मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं – निर्मल जैन, सरपंच ग्राम पंचायत रानीतराई।