रसोईयों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया,सफाई के साथ गुणवत्ता युक्त भोजन बनाने निर्देश


पंडरिया-नगर के सरस्वती शिशु मंदिर के हाल में विकासखंड पंडरिया के 468 प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के रसोईयों का एक दिवसीय प्रशिक्षण रखा गया।जिसमें प्रत्येक विद्यालय से एक-एक रसोईया को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण अंतर्गत एकदिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में 468 रसोइया उपस्थित रहे। प्रशिक्षण प्रदान करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी जी पी बनर्जी ने कहा कि 16 जून से विद्यालय प्रारंभ होने जा रही है। उक्त संबंध में रसोइयों को विभिन्न बिंदुओं पर सविस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। जिसमें कहा गया कि शाला लंबे अवधि से बंद है,इसलिए रसोईया द्वारा किचन कक्ष को पूर्ण रूप से साफ सफाई कर लिया जावे। खाना पकाने के सभी बर्तन को साफ रखें।तेल नमक मसाला या अन्य सामान के विभिन्न डब्बो को साफ कर सुखा करके उसमें सामान को रखें। चावल जो बचा है एवं जून माह का जो चावल मिला है, उन्हें सफाई स्कूल खुलने से पहले कर लें। ईंधन की जो समस्त सामग्री जैसे लकड़ी, कंडे आदि को शाला संचालन के पूर्व ही इकट्ठा कर लिया जावे ।

भोज्य पदार्थों को साफ व सुखे स्थान में सुरक्षित रखें ।बारिश को ध्यान में रखते हुए किचन सह भंडार में सावधानी एवं सतर्कता बरती जावे। बच्चों को भोजन करने के पूर्व उनके बर्तन एवं हाथ की सफाई कर लिया जाए। बच्चों को खाना खाते समय थोड़ा दूरी में बैठाया जावे। गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री एवं ताजी सब्जियों का ही प्रयोग करें। भोज्य पदार्थ को बनाने के पहले पूर्ण रूप से साफ व धोलें एवं किसी भी स्थिति में बच्चों को किचन में प्रवेश न होने दिया जाए।मध्यान भोजन बनने के बाद चूल्हे में जलता हुआ लकड़ी को सही ढंग से बुझा दिया जावे।किसी भी स्थिति में बच्चों से भोजन न परोसा जावे। इन सभी बिंदुओं में सविस्तर रूप से लगभग दो घंटे तक बताया गया।

जिला कार्यालय से समस्त रसोइयों के लिए बिस्किट, शीतल जल एवं ठंडे की व्यवस्था की गई। अंत में बीआरसी अर्जुन चंद्रवंशी द्वारा सभी को आगामी 16 जून से प्रारंभ होने वाली विद्यालय के संचालन के लिए बधाई देते हुए बच्चों को अच्छी तरह भोजन खिलाने के लिए सलाह दिये।इस प्रशिक्षण में बीईओ एवं खंड स्रोत समन्वयक कार्यालय से विनोद गोस्वामी बीआरपी,खेम सिंह भास्कर लिपिक,संजय सोनी आपरेटर,खेम सिंह भास्कर ,मोहन बंजारा उपस्थित रहे।


मेन्यू के हिसाब से बने गुणवत्ता युक्त भोजन-मध्यान भोजन योजना केन्द्र शासन की महती योजना में से एक है,जो पूरे भारत में लागू है। विकासखंड में कार्यरत रसोइयों के द्वारा मध्यान भोजन में किसी भी प्रकार से गुणवत्ता एवम मेन्यू में लापरवाही स्वीकार नहीं किया जाएगा। आने वाले सत्र में स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार बच्चों को मिले इसकी पुरी जिम्मेदारी रसोईया की होगी। उन्होंने बताया की मध्यान भोजन की उच्च गुणवत्ता ही विद्यालय में बच्चों को उपस्थिति दर्ज करने में मदद करती है , स्वादिष्ट और पौष्टिक सुपाच्य भोजन बच्चों को कई तरह की बीमारियों से भी बचाती है।साथ ही सभी रसोइयों को भोजन पकाते समय स्वच्छता का ध्यान भी रखने को कहा। जिसके लिए उन्हें एक जोड़ी दस्ताने भी वितरित किए गए।