राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । शिक्षा विभाग अंतर्गत तिमाही परीक्षा को लेकर विभाग की भारी किरकिरी हुई है।लोग परीक्षा को एक मजाक बता रहे हैं।माध्यिमिक शिक्षा मंड़ल व एससीआरटी द्वारा सोमवार से तिमाही परीक्षा निर्धारित किया गया था।वहीं परीक्षाओं को रविवार शाम को निरस्त कर नये सिरे से स्थानीय स्तर पर प्रश्न निकालकर परीक्षा लेने का निर्देश जारी कर दिया गया।इस दौरान करीब ब्लाक व जिले के आधे से अधिक विद्यालयों द्वारा प्रश्न पत्र छपवा लिए गए थे।परीक्षा निरस्त होने के चलते हाई स्कूल व हायर सेकंडरी विद्यालयों को अब दोबारा प्रश्नपत्र छपाई करवाना पड़ रहा है।जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।इसी प्रकार प्राथमिक व मिडिल स्कूलों के लिए भी प्रश्न पत्र जारी किए जा चुके थे।जिसके लिए ऐसे प्रश्न तैयार किये गए थे, जिन्हें ब्लेक बोर्ड पर बनाना संभव नहीं था।साथ ही अधिकतर प्रश्न सीबीएसई पैटर्न के थे।इसे लेकर शोशल मीडिया व मीडिया में लगातार बहस चल रही थी।जिसके बाद विभाग ने आनन फानन में रविवार देर शाम परीक्षा को निरस्त कर दिया गया।रविवार को अधिकतर विद्यालय प्रश्न पेपर छपवा चुके थे।साथ ही अधिकतर दुकानदार भी भारी मात्रा में प्रश्न पेपर प्रिंट कर चुके थे।रविवार देर शाम परीक्षा निरस्त किए जाने के पश्चात सारी तैयारी व्यर्थ हो गयी।विभाग की लापरवाही के चलते एक ओर जहां दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं शिक्षकों को भी नुकसान हुआ है।साथ ही विद्यार्थियों को भी नुकसान उठाना पड़ा है।कुल मिलाकर देखा जाए तो तिमाही परीक्षा के नाम पर विभाग की कमजोरी उजागर हुई है।
