सरकारी अस्पताल में लापरवाही की हद पार हो गई, सर्दी खांसी से पीड़ित मासूम बालिका को दे दी एक्पायरी हो चुकी दवाई, सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो अस्पताल वालो ने मरीज के पिता को फोन पर दे डाली धमकी

देवरीबंगला / स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ फार्मेसी व चिकित्सा अधिकारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है इलाज के नाम पर मरीज को एक्सपायरी डेट की दवा वितरण कर दी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरीबंगला द्वारा सर्दी खांसी से परेशान मासूम बालिका को एंटीबायोटिक दवा दी गई है। वह दवा एक्सपायरी है।
क्या है मामला :- ग्राम भँडेरा के राजकिशोर यादव अपनी 8 साल की बेटी रेणुका को सर्दी खांसी होने पर शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरीबंगला में 11.30 बजे ओपीडी में पर्ची कटवाने के बाद डॉक्टर के पास लेकर पहुंचा। डॉक्टर ने जांच के बाद दवाई लिख कर दी। मरीज के पिता ने दवाई वितरण खिड़की में फार्मासिस्ट से दवाई ली और घर आ गया। पिता ने शाम को बच्ची को डॉक्टर की बताए अनुसार दवाई का प्रथम डोज दिया। दूसरे दिन सुबह शीशी में दवाई की मात्रा देखने के लिए रेपर की जांच की तब पता चला कि दवा एक्सपायरी हो चुकी है। जब वापस दवाई के डब्बे को देखा उनके होश उड़ गए। रात भर सिर्फ अपनी बेटी को निहारते बैठे रहा। दूसरे दिन जब अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट वायरल किया तो अस्पताल प्रबंधन में हड़कम्प मच गया। मरीज के पिता राजकिशोर यादव ने बताया कि पोस्ट वायरल होने के बाद उनके पास एक काल भी आया। जिसमे उन्हें कहा गया कि वे देवरी अस्पताल से बोल रहे है। आपको दवाई गलत मिल गया है तो अस्पताल में आकर बताना था। आप व्हाट्सएप पर क्यो डाल रहे हो जिस पर राजकिशोर भी नाराज हुए तथा मामले को लेकर आगे शिकायत करने की बात कहते हुए फोन काट दिए। सीएससी में पदस्थ डॉ नीरज भूसखरे ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे। मरीज का इलाज डॉ नागेश रावटे ने किया था। उनकी पर्ची पर फार्मासिस्ट सुशील कुमार ने दवाई दी।
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही:- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरीबंगला में सामान्य मरीजों को भी जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है। जिसकी कई बार शिकायत की गई है। ग्रामीणों के अनुसार अस्पताल में अधिक मात्रा में एक्सपायरी दवा हो सकती है। इसका जांच के बाद ही खुलासा होगा। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है।