
कुम्हारी । विचक्षण जैन विद्यापीठ, कुम्हारी में पाँचवा वार्षिक क्रीड़ा उत्सव पूरे जोश और ऊर्जा के साथ सम्पन्न हुआ। विद्यापीठ के विशाल सर्व सुविधा सम्पन्न क्रीड़ा प्रांगण मे सभी आयु वर्ग के बच्चों ने अपनी असीमित ऊर्जा का परिचय दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विचक्षण जैन विद्यापीठ के वास्तुकार, इंजीनियर राजेन्द्र जैन की गरिमामय उपस्थिति में पूरे विद्यापीठ परिवार में कार्यक्रम की सफलता में अपना अमूल्य योगदान दिया। विचक्षण जैन विद्यापीठ प्रबंधक समीति के प्रमुख प्रतिनिधि महेश कोठारी के निरन्तर मार्गदर्शन और सहयोग विद्यापीठ के समीप सदस्यों और बच्चों को उत्साहित किया। प्राचार्या निदेशिका सुश्री वी.एस. कल्पना के अनुभवी मार्गदर्शन में क्रीड़ा उत्सव की सफलता को शीर्ष पर पहुँचाया। विद्यापीठ के क्रीड़ा विभाग के प्रमुख क्लाउड रूबेन कॉसमस, धीरेन्द्र सिन्हा और पायल दांडेकर के निरन्तर प्रशिक्षण से बच्चों ने सभी खेलों में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन मे परम पूज्य गुरु भगवंतो को नमन करते हुए बच्चों को खेल का महत्व बताते हुए कहा कि खेल जीवन के हर अंग को समायोजित करते हुए हमें कैसे संतुलित जीवन जीना चाहिए इसकी महिमा प्रतिपादित की। श्री महेश जी कोठारी के वक्तव्य ने बच्चों में एक नयी ऊर्जा का संचार करते हुए अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित खेल जगत की हस्तियो का उदाहरण दिया और उनसे प्रेरणा लेने की सीख दी। विद्यापीठ परिवार की प्रशासनिक प्रमुख वी.एस. कल्पना ने भी अपने वक्तव्य से बच्चों को उत्साहित किया। क्रीड़ा उत्सव विद्यापीठ के चार सदन- आर्य, धैर्य, शौर्य और वीर्य के मध्य विभिन्न खेल प्रतिर्स्द्धाएँ सम्पन्न हुई। सभी सदन के बच्चों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। किसी भी प्रतियोगिता मे विजय का गौरव किसी एक प्रतियोगी को ही मिलता है। जीत हेतू अनेक मापदंड निर्धारित किये गए थे। जैसे- अनुशासन, वेशभूषा और खेलों के नियम। उक्त समस्त मापदंडो के आधार पर इस वर्ष वीर्य सदन विजेता टीम के रूप मे प्रतिष्ठित हुआ। बहुत ही कम अंको के अंतर से द्वितीय स्थान पर आर्य सदन रहा। अंत मे विद्यापीठ के उपकप्तान प्रखर कोचर ने समस्त उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। विद्यालय जीवन में सम्पन्न होने वाले समस्त गतिविधियाँ बच्चों में एकता, अनुशासन और समय प्रबंधन के साथ-साथ उत्साह से जीने की कला सिखाती है। इन्ही उद्देश्यो के साथ पाँचवा वार्षिक क्रीड़ा उत्सव सम्पन्न हुआ।