*-95 हजार 7 सौ किसानों को मिला लाभ*
*-जिले में 4 लाख 17 हजार मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी*
*- उपार्जन केंद्रों में किसानों के चेहरों पर दिखा खुशी का भाव*
7 फरवरी 2022 दुर्ग/पूर्वानुसार 31 जनवरी धान खरीदी की अंतिम तिथि थी जिसे राज्य शासन ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए 07 फरवरी तक नई समय सीमा निर्धारित की। जिसका लाभ जिले के एक बड़ी संख्या के किसानों ने उठाया। आज उपार्जन केंद्रों में उपस्थित किसानों से धान खरीदी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि समयावधि को बढ़ाए जाने से उन्हें बहुत लाभ हुआ। असमय वर्षा के चलते उनके भंडारण के धान गीले हो गए थे। धान को उन्होंने मौसम के साफ होने पर सुखाया और फिर केंद्र में धान को बेचा। अंडा के कृषक धनश्याम सिंह ने बताया कि यदि मुख्यमंत्री 7 दिन की समय सीमा नहीं बढ़ाते, तो उनका 30 क्विंटल धान नहीं बिक पाता जिससे वो समर्थन मूल्य और बोनस के साथ मिलने वाली 75000 रूपए की राशि से वंचित रह जाते। इसी क्रम में अन्य कृषक राम सेवक दिल्लीवार से भी चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 6 एकड़ खेत पर कुल 87 क्विंटल धान उत्पादित कर उपार्जन केंद्र में बेचा और बताया शासन द्वारा दिए जा रहे समर्थन मूल्य और बोनस के फलस्वरूप ही उन्होंने पुनः खेती की ओर अपना मुख किया। आज वो किसान होने पर गर्व करते हैं और अपने पूरखों की धरोहर को आगे बढ़ाकर खुश हैं।
पूरे देश में धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ दूसरे पायदान पर है। जिसमें छत्तीसगढ़ शासन की कृषि आधारित नीति का महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि आधारित नीति का ही असर है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1 लाख 2 हजार 816 किसानों ने पंजीयन कराया था। जो कि पिछले वर्ष की अपेक्षाकृत 7 हजार 618 अधिक है। इस बार खेती के कुल रकबे में भी बढ़त दिखाई दी। जिले में इस सत्र में कुल 4 लाख 17 हजार मैट्रिक टन धान की खरीदी उपार्जन केंद्रों द्वारा की गई। जिसमें 95 हजार 700 हितग्राही किसान भाइयों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बीच में बेमौसम बरसात के चलते धान खरीदी की गति में हल्की से गिरावट आई थी, जिसका संज्ञान जिला प्रशासन ने लिया और उपार्जन केंद्र में तुरंत व्यवस्था कराकर समस्या का निराकरण किया। शासन ने इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की व्यवस्था के समांतर समितियों से धान का उठाव, कस्टम मिलिंग और केन्द्रीय पूल में चांवल जमा कराने की व्यवस्था की। जिससे एक अच्छा समन्वय स्थापित हो सका।
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