स्वच्छता के लिए प्रदेश का नाम रोशन करने वाले एस बी एम समन्व्यको के साथ सरकार कर रही भेदभाव, 4 सितंबर को होगी प्रदेश स्तरीय जंगी बैठक,ले सकते है सामूहिक त्यागपत्र देने का फैसला

रायपुर। ढोल के अंदर पोल कहावत तो आपने सुनी होगी लेकिन यह कहावत राज्य सरकार खुद चरितार्थ कर रही है। स्वच्छता के लिए स्वच्छ भारत मिशन के जितने भी ब्लॉक समन्वयक और कलस्टर समन्वयक काम को समय पर पूरा करने जी जान लगा देते है।

तभी पूरे देश में स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीस गढ़ का डंका बज रहा है। लेकिन दुर्भाग्य को बात है की स्वच्छता के लिए प्रदेश , जिला, ब्लॉक के गांवों को राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड दिलाने वाले इन लोगो की सरकार एक नही सुन रही है। मानदेय देने में भेदभाव कर रही है।

जानकारी के मुताबिक मनरेगा के समन्वयक, पी एम आवाज योजना के समन्वयक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लॉक समन्वयकों को तो पूरा मानदेय मिल रहा है। वही स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक और कलस्टर समन्वयको को सिर्फ 12700 में गुजारा करना पड़ रहा है।

14 साल से कर रहे है मांग

छत्तीसगढ़ राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि चंदेल ने बताया कि राज्य शासन को कई बार आवेदन देकर मांग के संबंध में जानकारी दे चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक किसी प्रकार के सुध नहीं ली गई है । वहीं उन्होंने बताया कि पूर्व वर्ती भूपेश बघेल की सरकार को भी ज्ञापन कई मर्तबा दिए हैं।

उनके कार्यकाल में भी मांगे पूरी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना में कार्यरत विकासखंड एवं संकुल समन्वयक की भर्ती 2009 में की गई है।। वर्ष 2009 में विकासखंड समन्वयक का मानदेय 10000 व संकुल समन्वयक का मानदेय 8000 एक मुश्त निर्धारित की गई है। वर्तमान में माह अक्टूबर 2023 से मिलने वाला मानदेय में केवल 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है ।

जबकि भारत सरकार के अन्य योजनाओं में विकासखंड स्तरीय विकासखंड समान्यको जैसे एनआरएलएम ,मनरेगा, पी एम आवास के विकासखंड समन्वयक को लगभग ₹40000 एवं संकुल समन्वयक को लगभग ₹26000 का मासिक मानदेय भुगतान किया जा रहा है। उनकी भी यही मांग है कि उनके समकक्ष मानदेय स्वच्छ भारत मिशन के संकुल सम्मेलन एवं ब्लॉक ब्लॉक समन्वयक को दी जाए।

4 सितबर को होगी जंगी बैठक
जानकारी के मुताबिक छग राज्य स्वच्छ भारत मिशन राज्य ग्रामीण कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश स्तर पर बैठक 4 सितंबर को नया रायपुर अटल नगर में विकास आयुक्त कार्यालय के सामने ही निर्धारित है। इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि इस बैठक में पूरे प्रदेश के लगभग 140 कर्मचारी शामिल होंगे। अंदाजा यहीं लगाया जा रहा है कि सरकार से नाखुश यह सब कर्मचारी एक साथ सामूहिक रूप से अपने पद से त्यागपत्र भी दे सकते हैं।