नगरी/सिहावा,बेलरगांव
धमतरी जिले के नगरी विकास खण्ड बेलरगांव तहसील में स्वास्थ्य विभागों के लिए विभाग द्वारा बनाया गया । कर्मचारी आवास बेहद जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो रहा है।और इन आवासों में निवास करने वाले लोग जान जोखिम में डालकर रहने में मजबूर हो रहे हैं।इन आवास में हमेशा दुघर्टनाओं का आदेश बना रहता है। लेकिन इस ओर संबंधित विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके चलते स्वस्थ विभाग के कर्मचारी एवं उसके परिवार बेहद परेशान हैं।बेलरगांव तहसील में स्वास्थ्य विभागों के द्वारा बनाया गया कर्मचारी आवास सन् 1980 में बनाया गया था।


जो आज लगभग 44 वर्ष को होने जा रहा है।अब यह सरकारी आवासों की हालत बेहद जर्जर और दयनीय हो चली है। जिसमें बारिश के इन दिनों में गंभीर दुघर्टना घटने का अंदेशा बनी रहती है।इन जर्जर मकानों में निवास करने वाले स्वस्थ विभाग के कर्मचारीयों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।इनकी छप्पर एवं दिवारें टूट -टूटकर गिर रही है।
जनसमस्या निवारण शिविर एवं विभाग के आला अधिकारी वं जनप्रतिनिधियों को भी इन जर्जर आवासों के मरम्मत के लिए मौखिक अवगत कई बार हो चुका हैं। लेकिन मरम्मत के नाम पर अब तब सिर्फ आश्वासन ही मिला है । स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयों को स्वयं के पैसे से तिरपाल वं जेलिटिन से मकान को पूरी तरह से ढंक कर बारिश से सुरक्षा करना पड़ रहा है।
सड़क का पानी घरों में घुस रहा है यहां निवास करने वाले लोगों ने बताया की आजतक इन जर्जर आवासों का एक बार भी मरम्मत कार्य नहीं करवाया गया है।इन आवास में निवास करने वाले कर्मचारी को स्वयं ही अपने पैसे से सुधार करवाना पड़ रहा है। झमाझम बारिश में रात भर रतजगा कर पानी बाहर निकालते हैं।
निवास करने वाले सरकारी भवनों के छतों की स्थिति इतना खराब है की बारिश के दिनों में लोग चैन से नहीं सो पाते रात-रात भर उन्हें घर के अंदर से पानी को बाहर फेंकना पड़ता है।और तो और सड़क का पानी भी घरों के घुस जाता है। कर्मचारी अपने स्वयं के खर्चे से बारिश के पूर्व ही पालीथीन खरीदकर घर के छतों के ऊपर ढांकते है लेकिन हल्की हवा के साथ वह फट जाने से स्थिति जस की तस बनी रहती है।