मिट रही गांवों की पहचान, सड़क बनाने के नाम पर 1028 पेड़ों की दी जा रही बलि

राजकुमार सिंह ठाकुर

पंडरिया-मुंगेली से पंडरिया होते हुए पोंड़ी तक करीब 45 किलोमीटर नेशनल हाइवे क्रमांक 130A का निर्माण कार्य होना है।जिसके लिए पेड़ों की कटाई का कार्य चल रहा है।वन विभाग द्वारा पेंडो की कटाई की जा रही है।उक्त मार्ग पर सड़क के दोनों ओर 50 वर्ष से अधिक पुराने औषधीय गुण वाले पौधे थे।जिसके कटने से क्षेत्र के लोगों में भारी निराशा है,लेकिन विकास के लिए विनाश से समझौता करना पड़ेगा।अर्जुन के पेड़ से अर्जुनारिष्ट सिरप बनती है तथा छाल का उपयोग किया जाता है।जो हृदय रोग के लिए लाभकारी होता है।नेशनल हाइवे की पहचान इन पेड़ों से होती थी।जहां लोग पेड़ को देखकर गांव को पहचान लेते थे।पेड़ कटने के बाद अब सड़क उजड़ा सा दिख रहा है।बचपन से इन पेड़ों को देख रहे लोगों को पेड़ कटने के बाद गांव पहचान मुश्किल हो रहा है।वन विभाग पंडरिया पूर्व के रेंजर पूर्णिमा राजपूत ने बताया कि महका से पंडरिया तक 465 पेड़ पंडरिया से पांडातराई तक 325 पेड़ व पांडातराई से पोड़ी तक 238 अर्जुन व अन्य बड़े पेड़ काटे जाएंगे।शेष मुंगेली क्षेत्र के पेंडो की कटाई मुंगेली जिले द्वारा द्वारा कराई जाएगी।*दस गुना पेड़ लगाने के निर्देश*-सड़क निर्माण के दौरान काटे जा रहे पेड़ के बदले काटे गए पेड़ों से 10 गुना पेड़ लगाने का निर्देश है।इस अनुपात के अनुसार पंडरिया परिक्षेत्र में कुल 1028 पेड़ काटे जाएंगे जिसके बदले 10280 पौधे लगाए जाएंगे।पेड़ लगाने की जिम्मेदारी वन विभाग की होगी।बड़े पेड़ों को काटने के बाद दस गुना पेड़ लगाने की बात कही जा रही है,किन्तु इन लगाए गए पेड़ बनने की गारंटी कौन देगा।क्या विभाग नए पौधे रोपने के बाद पेड़ बनने तक इसकी देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगा।शासन को पौधों को पेड़ बनने तक सुरक्षा की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।