कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का अनिश्चितकालीन आंदोलन का चौथे दिन भी रहा जारी, शिक्षक संघ के लोग भी हो रहे शामिल

राजकुमार सिंह ठाकुर

पंडरिया । नगर के जनपद कार्यालय के पास कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आंदोलन लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। जिसमें ब्लाक के शिक्षा विभाग,राजस्व विभाग, कृषि विभाग, जनपद कार्यालय,लिपिक वर्ग,वन विभाग,पीडब्ल्यूडी,सिचाई विभाग, एरिगेशन विभाग,स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी शामिल हैं।कर्मचारियों के हड़ताल के चलते ब्लाक मुख्यालय के सभी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित है। कर्मचारी अधिकारी केंद्र के समान मंहगाई भत्ता व सातवे वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा की मांग कर रहे हैं।केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को 36 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है।जबकि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 28 प्रतिशत मंहगाई भत्ता अगस्त माह से दिया जायेगा।कर्मचारियों व अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पिछले तीन वर्षों से 10 हजार रुपये का नुकसान प्रति माह हो रहा है।

आंदोलन के दौरान कर्मचारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कर्मचारियों का पिछले तीन वर्षों से शोषण किया जा रहा है।फेडरेशन के अध्यक्ष प्रफुल्ल बिसेन ने कहा कि पहली बार कर्मचारियो को किसी सरकार के विरुद्ध मंहगाई भत्ता के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है।शासन के हठधर्मिता के कारण कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़ रहा है।धरना प्रदर्शन के दौरान शत्रुहन डड़सेना,दीपक ठाकुर,कली राम चन्द्राकर,सालिक यादव,सतीश तिवारी,आशीष मिश्रा,संतोष सोनी,आर के महरा,शैल बिसेन,अमृत लाल उरैया,भागबली धृतलहरे,अभिषेक ठाकुर,विजेंद्र सिंह ठाकुर,दिनेश तिवारी,अंजोर सिंह सिदार,सुरेश ठाकुर,हेमंत शर्मा,प्रणवीर सिंह,बल्लू शर्मा, सहित 200 से अधिक सभी विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।

शिक्षक भी समर्थन में उतरे-कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आंदोलन में एलबी संवर्ग के शिक्षक शामिल नहीं थे।किंतु शासन द्वारा फुट डालो की नीति को देखते हुए शिक्षक संवर्ग भी गुरुवार से आंदोलन में शामिल होने लगे। सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग पहले से शामिल थे वहीं गुरुवार को करीब 200 से अधिक एलबी संवर्ग के शिक्षकों ने हड़ताल में शामिल होकर आंदोलन को समर्थन प्रदान किया। मोहन राजपूत ने बताया कि शासन द्वारा कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता नहीं देकर अधिकार से वंचित किया जा रहा है।साथ ही लगातार कर्मचारी हितों की अनदेखी की जा रही है।जिसके चलते संगठन के शामिल नहीं होने के बावजूद शिक्षक संवर्ग मांगों के समर्थन में आंदोलन में उतर रहे हैं।