अम्लेश्वर में आदमी का अंतिम सफर भी मुश्किल भरा…….मुक्तिधाम के रास्ते कीचड़ से लतपथ, छत से टपकता है पानी

पाटन। ग्राम अम्लेश्वर में किसी का मौत होने के बाद उनका अंतिम सफर भी बहुत मुश्किल भरा रहता है। शमशान घाट जाने का रास्ता में पानी भरा रहता है। वही रास्ता कीचड़ से लतपथ भी है। अर्थी लेकर जाने वाले परिजनों तथा अंतिम यात्रा में शामिल होने जाने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आलम तो यह है को जब लाश जलता रहता है और बारिश हो है तो परेशानी और भी बढ़ जाती है। शमशान घाट में पक्का शेड बनाया गया है वह भी काफी जीर्ण शीर्ण हो गया है। पानी टपकता रहता है।

अमलेश्वर को ग्राम पंचायत से भले ही नगर पंचायत का दर्जा मिल गया है। लेकिन यहां के लोगो की ग्राम पंचायत जैसा सुविधा भी नही मिल पा रहा है। यहां पर शमशान घाट जाने वाले मार्ग को हालत बेहद खराब है। गर्मी और ठंड के दिनो मे किसी तरह काम निकल जाता है लेकिन बारिश के दिनो मे शमशान तक पहुंचने के लिए बहुत की तकलीफों का सामना करना पड़ता है। कच्ची सड़क है वही मिट्टी वाली सड़क होने के कीचड़ हो जाता हैं।

शनिवार को गांव के ही नारायण साहू का निधन हो गया। उसके परिजन ओर ग्रामीण उसका अंतिम संस्कार करने शमशान घाट ले गए। लेकिन बरसात होने के कारण बहुत दिक्कत हुई। पूरा रास्ता कीचड़ से भरा है। वही श्मशान में पक्का शेड छत वाला शेड बनाया गया है। वह शेड भी काफी जर्जर हो गया है। अमलेश्वर के रहने वाले धर्मेंद्र साहू ने बताया की बारिश के समय पानी टपकता है। इस रास्ता को बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा की आज मृतक के अंतिम यात्रा में शामिल लोगो को काफी परेशानी हुई।