बलराम यादव
पाटन। भूईयां सॉफ्टवेयर में अवांछित बदलाव, सहित सॉफ्टवेयर में विभिन्न समस्याओं को लेकर पटवारी संघ छत्तीसगढ़ इकाई के आव्हान पर पाटन तहसील पटवारी संघ ने भी आज् से आगामी 5 दिनों के लिए भुईयां सॉफ्टवेयर का उपयोग बंद कर दिया है । वहीं सॉफ्टवेयर उपयोग के लिए राजस्व विभाग के द्वारा पटवारियों को जारी किए गए टोकन डीएससी को भी आज सभी पटवारियों ने तहसीलदार को सौंप दिया है। साथ ही साथ अपनी समस्याओं को अवगत कराते हुए तहसीलदार से मांग की है कि वे राजस्व पटवारियों की समस्याओं से उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराएं। आज सोमवार को तहसील पटवारी संघ के अध्यक्ष ताराचंद मेश्राम के नेतृत्व में पटवारियों ने तहसीलदार को अपना डीएससी का टोकन सौंपते हुए ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें पटवारियों को विभिन्न समस्याएं हो रही है उसके बारे में अवगत कराया । सबसे बड़ी समस्या के रूप में पटवारियों ने बताया कि भुईयां सॉफ्टवेयर में लगातार बदलाव से काम करने में काफी दिक्कत हो रही है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर के उपयोग में भी कई परेशानी आ रही है जिससे छोटी-छोटी समस्याओं को भी हल नहीं कर पा रहे हैं । इससे किसानों को बेवजह बार-बार चक्कर लगाना पड़ता है। जिससे कि पटवारियों के भी छवि धूमिल हो रही है। अध्यक्ष ताराचंद मेश्राम ने बताया कि प्रांतीय आह्वान पर 12 दिसंबर से 16 दिसंबर तक भुईयां साफ्टवेयर में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं होगा। सॉफ्टवेयर का उपयोग राजस्व पटवारी 16 दिसंबर तक नहीं करेंगे । बता दें कि साफ्टवेयर के माध्यम से ही राजस्व संबंधी करीब 50% से अधिक कार्य किया जाता है। लेकिन भुइयां सॉफ्टवेयर का उपयोग पटवारी नहीं करेंगे तो किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ज्ञापन सौंपने वालो में पटवारी संघ के पाटन तहसील अध्यक्ष ताराचंद मेश्राम, शिवकुमार सोनी, लोकेश्वर खोबरागड़े, चंद्रकांत साव, लोकेश्वर वर्मा, नितिन कुमार, मनोज कुमार, चित्रपाल सिंह दिया, राजेंद्र कुमार देवांगन, अशोक कुमार बांधे, ईश्वर सिंह लातुर, छत्तीस कुमार साहू , सोमेशकुमार गणपाल, जयेन्द्र कुमार साहू, अभिषेक श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार सिन्हा, चंद्रशेखर सोनी, बीरेन्ड कुमार जंघेल, सतीश प्रसाद, राजेन्द्रकुमार श्रीमाल सहित अन्य पटवारी शामिल थे।।
ये सब काम नही होगा
पटवारियों के द्वारा भुइयां सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं करने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
ये कार्य नही हो पाएंगे

1, किसान का काम डीएससी नहीं हो पाएगा, साथ ही नकल में भी डीएससी करना होता है वह भी नहीं हो पाएगा।
2, धान के रकबा में त्रुटि का संशोधन भी नहीं हो पाएगा रकबा बढ़ाया घटाया नहीं जा सकता
3, ऑनलाइन नामांतरण का कार्य भी प्रभावित रहेगा,
4, रिकॉर्ड दुरुस्ती नहीं हो पाएगा
5, बटाअंकन का कार्य भी नहीं हो पाएगा
6, राजस्व प्रकरण में जारी आदेश का दुरुस्ती करण पटवारी नहीं कर पाएंगे
7, राजस्व संबंधी जो ऑनलाइन का कार्य किया जाता है उन कार्यों में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।