दिन में दिया प्लास्टिक शीट शाम को उनसे छीना गया, बाढ़ राहत के नाम पर राजनीति करना बंद करें विक्रम और महेश – जेसीसीजे

नितिन रोकडे

मीडिया में आने के लिए कोई सिर पर तो कोई टेंपो, ट्रेक्टर पर राहत पहुंचा रहा था

बीजापुर

भोपालपटनम तहसील के गोदावरी तट क्षेत्र में पिछले दिनों आई बाढ़ से वहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। करीब आधा दर्जन से भी ज्यादा गांव डुबान में आ गए। प्रभावित गांव के ग्रामीणों की पीड़ा पर राजनीति करने सत्ताधारी पार्टी के विधायक प्रशासकीय अमले के साथ बाढ़ ग्रस्त इलाके में पहुंच कर जिनके मकान डुबान में जमीदोज हो गए उन्हें प्लास्टिक शीट दिलवाया। तीन दिनों बाद बीजापुर में कांग्रेस के टीम बी कहे जाने वाले भाजपा नेता उसी इलाके में पहुंच कर फोटो सेशन कर सोशल मीडिया में अपने आईटी सेल के माध्यम से खूब प्रचार करवाया। जबकि हकीकत यह है की जिन इलाके में राहत सामग्री के साथ जो प्लास्टिक शीट ग्रामीणों को दी गई थी उसे शाम को ही फॉरेस्ट के अफसरों के माध्यम से छीना गया। अभी बाढ़ का पानी उतारा हुआ जरूर है पर वापस गांव में बसाहट खुद को बाढ़ में डुबाने के समान है।

गोदावरी नदी पर तुपाकलागुडेम पर अधिक ऊंचाई की बनी बैराज इलाके के डुबान का कारण बताया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों की सत्ता इस बैराज निर्माण को लेकर मौन रहे हैं। बीजापुर के प्रभारी मंत्री इससे आई बाढ़ को मीडिया की उपज बता कर जवाबदेही से पल्ला झाड़ रहे हैं। कांडला, अतुकपल्ली, रामपेठा, तारलागुड़ा और चंदूर के वास्तविक पीड़ितों से टीम ए और टीम बी के राजनेता मिलने से बचते रहे हैं।

तारलागुड़ा रोड पर अस्थाई आवास बनाने वाले ग्रामीणों को वन अधिकारियों द्वारा बारिश में प्लास्टिक शीट छीने जाने का कारण उन्हें बसने से रोकना नहीं बल्कि भाजपा और कांग्रेस के नेताओ द्वारा इस सड़क के आजू बाजू सैकड़ों हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जे को संरक्षण देना है। जेसीसीजे सरकार से मांग करती है की बाढ़ पीड़ितों को सड़क के किनारे उनके अस्थाई निवास को न तोड़े, जिन अधिकारियों ने उनसे प्लास्टिक शीट छीने हैं उन्हें वापस करे। मकान, अनाज, वनोपज, मवेशी नुकसान का मुआवजा दे।