गरीबों के राशन पर मार रहे है डंडी, राशन कार्ड हितग्राहियों को एक किलो कम दिया जा रहा चांवल, ग्रामीणों ने विरोध किया तो दुकान बंद कर दिया, अब पंचायत में चांवल और राशन कार्ड छोड़ दिए है ग्रामीण, पाटन ब्लॉक के इस गांव का मामला


बलराम यादव
पाटन। पाटन विकासखंड के ग्राम छोटे औरीं  में गरीबों के राशन पर डंडी करने का मामला सामने आया है।  ग्रामीणों ने राशन दुकान से लिए चावल को जब बाहर में तौल  करवाया तो उसमें 1 किलो कम निकला । करीब 50 से अधिक राशन कार्ड हितग्राहियों ने इस तरह से राशन दुकान से लिए चावल को बाहर में तौल  कराया तो यह मामला सामने आया । राशन कार्ड धारकों ने अलग-अलग कांटा में तौल कराया जिसमें सभी के चावल में 1 किलो कम पाए गए। इसे लेकर ग्रामीणों ने जब राशन दुकानदार से संपर्क किया तो वह ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए सर्वर डाउन है कहकर दुकान बंद करके चले गए।  अब आक्रोशित ग्रामीण ग्राम पंचायत के सामने खड़े हैं एवं अपने राशन कार्ड एवं चावल को ग्राम पंचायत में छोड़ दिए हैं। (शेष खबर विज्ञापन के नीचे पढ़े)


प्राप्त जानकारी के अनुसार पाटन ब्लॉक में लगातार राशन दुकानों में अव्यवस्था का मामला सामने आ रहा है । जब से वर्तमान फूड इंस्पेक्टर ने प्रभार लिया है तब से पाटन ब्लॉक में राशन वितरण व्यवस्था काफी लचर हो चुकी है । नियमित रूप से मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण राशन दुकान के सेल्समैन अपनी मनमर्जी करने में उतारू हो गए हैं। ताजा मामला छोटे औरीं का है जहां पर 50 से अधिक राशन कार्ड के हितग्राहीआज चावल लेने गए थे। चावल तो सभी को मिला लेकिन जब चावल में मात्रा कम होने का आभाष  हुआ तो बाहर के  तौल कांटे में तौल कराया गया। जिसके बाद पता चला कि प्रत्येक हितग्राही के चावल में 1 किलो के आसपास कम चावल है। जब इसकी जानकारी अन्य हितग्राही को हुई तो वह भी अपने चावल को  तौल कराया उसमें भी काम चावल मिल। इसके बाद सभी हितग्राही इकट्ठे होकर राशन दुकान के पास पहुंचे और कम चावल देने के लिए राशन दुकान संचालक को बोलने लगे तो उन्होंने मशीन खराब है। सर्वर डाउन की समस्या बताते हुए दुकान बंद करके चले गए।  इसके बाद सभी राशन कार्ड हितग्राही ग्राम पंचायत के पास पहुंचे और ग्राम पंचायत में ही अपने कार्ड एवं चावल को छोड़ दिए हैं । बताया जाता है कि गांव के ही एक व्यक्ति के द्वारा यहां पर राशन कार्ड का राशन दुकान का संचालन किया जा रहा है।  अब देखना है कि थोड़ी भाग हितग्राहियों के इस समस्या पर कैसे संज्ञान लेता है या फिर पूर्व की भारतीय इस मामले को भी कर देंगे ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखने को मिल रहा है।