मिली जानकारी के मुताबिक धमतरी जिले से हाथी गरियाबंद जिले की तरफ बढ़ा था। सोमवार को देर शाम हाथी ने उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कुल्हाड़ीघाट वन परिक्षेत्र के ओड़ आमामोरा की तरफ रूख किया था। मंगलवार की सुबह यह मादा हाथी सिकासार जलाशय में पहुंचा था। दोपहर में अचानक उसकी मौत हो गई। सूचना पर मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी श्री पैकरा एवं गरियाबंद डीएफओ मयंक अग्रवाल वन विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचे हैं। जिस इलाके में हाथी की मौत हुई है, वह अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।
गरियाबंद जंगल क्षेत्र में अब तक कुल 4 हाथियों की मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार डेढ़ साल पहले नेशनल हाईवे के किनारे धवलपुर पारागांव के पास भी एक हाथी की करंट से मौत हो गई थी। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के पहाड़ी इलाका आमामोरा ओड़ में भी दो वर्ष पहले हाथी के शावक की मौत हो चुकी है। आज फिर एक मादा हाथी की मौत हुई है। अब तक क्षेत्र में 4 हाथियों के मौत की जानकारी विभागीय सूत्रों से मिली है।
वन विभाग गरियाबंद के डीएफओ मयंक अग्रवाल ने बताया मंगलवार को एक मादा हाथी की मौत की सूचना मिली। सिकासार जलाशय से लगे जंगल में हाथी की मौत हुई है। अग्रवाल ने बताया हाथी की उम्र लगभग 30 वर्ष के आसपास है। हाथी के मुंह में छाला हो गया था, जिसके कारण वह खाना नहीं खा पा रहा था। यह वही हाथी है जिसने धमतरी जिले में एक बच्ची सहित 5 लोगों की जान ली है। बुधवार को सुबह पीएम किया जाएगा।