अभिमान की चोटी सी चिंगारी जीवन को जलाकर राख कर देती है– संत निरंजन

संजय साहू अंडा। जीवन मे काम क्रोध लोभ मद मोह मत्सर ये षडविकार है इसे त्याग कर ही प्रभु को प्राप्त किया जा सकता है। जीवन से दुर्गुणों का त्याग करे और सद्गुण को अपनाये। अभिमान पतन का मूल कारण है जो जीवन का विनास कर देता है इसलिए कभी भी अभिमान न करे। अभिमान के प्रकार बहुत है तन का, मन का, धन का, पद का, प्रतिष्ठा का, रूप का रंग का, बहुतही प्रकार के है अभिमान के वृक्ष में अभद्रता के पुष्प और विनास का फल तैयार होता है इसलिए अभिमान को त्यागे और जीवन मे प्रेम की प्रगाढ़ता को बढ़ाये।
             उक्त संदेस  ग्राम मोहदीपाट में देवांगन परिवार के शुभसँकल्प से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में सृस्टि वर्णन, विदुर कथा, दक्ष यज्ञ प्रषंग और शिव विवाह की कथा पर आध्यात्मिक विवेचन करते हुए छत्तीसगढ़ के यशस्वी संत सद्गुरु संत श्री निरंजन महाराज जी श्री भागवत आश्रम लिमतरा ने कहा। संर श्री ने आगे कहा, प्रभु के दरबार मे न कोई छोटा बड़ा ऊंच नीच नही है सभी के लिए प्रभु का प्रेम बराबर है, इंसानियत से बड़ी कोई जाति नही न हम ब्राह्मण है न हम क्षत्रिय न हम वैश्य न हम शुद्र प्रभु कहते है सर्वप्रथम हम इंसान है और इंसान बन कर इंसानियत का त्याग मत कर। भगवान की तरह बनने की चाहत तो सभी को होती है लेकिन भगवान बनने की चाहत को छोड़ कर जिस दिन हम इंसान बन गए तो मानो  राम राज्य स्थापित हो गया।आज पशुओं के अंदर मानवीय संवेदना देखने को मिलती है इसलिए इंसान बने।
                  भक्त के प्रेम में वशीभूत होकर परमात्मा बन्धन में बंध जाते है, संसार में जीव का अस्तित्व कन्या की भांति है जैसे कन्या अपने नैहर से बिदा ले ससुराल जाकर सबको मानती है तो पति को जानती है ऐसे ही हम सब जीव कन्या की भांति है जब तक इस संसार रूपी नैहर से बिदा नही लेंगे तब तक श्याम पिया से मिलन सम्भव नही।
                     जीव और शिव दोनो एक ही है दोनो में कोई अंतर नही, किसी के प्रति अमंगल की भावना से किया गया कोई भी यज्ञ सफल नही होता और इसका उदाहरण दक्ष के यज्ञ का विनास है । भगवान शंकर विश्वास के प्रतीक है श्रद्धा बदलती है बढ़ती है परिवर्तित होता है लेकिन विश्वास अटल रहता है बिना विश्वास के भगवान की भक्ति सम्भव नही। आज दिनांक 05.01.2024, दिन-शुक्रवार सृष्टि वर्णन विदुर कथा, वाराह अवतार सती चरित्र, शिव विवाह दिनांक 06.01.2024, दिन-शनिवार धुव चरित्र भरत कथा, जड भरत चरित्र, नरसिंह अवतार, प्रहलाद चरित्र दिनांक 07.01.2024, दिन-रविवार गजेन्द्र मोक्ष सागर मंथन, देवासुर संग्राम, वामन अवतार, राजा बाली प्रसंग दिनांक 08.01.2024, दिन-सोमवार श्री कृष्ण जन्म जन्म महोत्सव, पूतना वध, बाल लीला, माखन चोरी दिनांक 09.01.2024, दिन-मंगलवार वृन्दावन लीला मथुरागमन कंसवध, श्री रुखमणी मंगल कथा वर्णन दिनांक 10.01.2024, दिन-बुधवार श्री सुदामा चरित्र द्वारिका तीला भाव, यदुवंश छ्य परीक्षित मोक्ष पश्चात भगवान श्री विग्रह में तुलसी दल अर्पण, (चढौत्री कार्यक्रम) दिनांक 11.01.2024, दिन-गुरुवार श्री गीतासार प्रवचन हवनपूर्णाहुति कपिलातर्पण, सहस्त्रधारा स्वान होगा। यह जानकारी लखन लाल देवांगन और सरपंच सुशीला देवांगन ने दी।