राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । करीब सप्ताह भर से 14 हाथियों का जो दल ब्लाक व छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर विचरण कर रहा है।वह गुरुवार को भी बार्डर पर विचरण कर रहा है।बुधवार को हाथियों का दल पंडरीपानी व बांकी के पास था। जो गुरुवार सुबह 6 बजे छत्तीसगढ़ के खुर्दी पानी,कुर्की गांव में कुछ खेतों में नुकसान पहुंचाया।जिसके बाद मंडला जिले के पटपरा अमवार गांव में शाम तक ठहरे हुए थे।हाथी शाम को ही मूवमेंट करते हैं।हाथियों का दल कल जिस जगह पर मौजूद था,उससे दस किलोमीटर की दूरी पर गुरुवार को मौजूद रहे।लेकिन छत्तीसगढ़ बार्डर से ज्यादा दूर नहीं हैं।छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के बॉर्डर मवई के आस-पास ही हाथियों का दल विचरण कर रहा है।हाथियों की निगरानी में मध्यप्रदेश के उत्तर समनापुर रेंज,डिंडौरी,मंडला व छत्तीसगढ़ के वन विभाग के कर्मचारी तैनात हैं।मध्यप्रदेश के वन विभाग के डिप्टी रेंजर वीपी पटेल से मिली जानकारी के अनुसार हाथियों का सीमावर्ती क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं। बुधवार को हाथियों ने बांकी के सरपंच सुरेश कुमार के खरही के धान तथा खेत में रखे करपा को खाये थे।इसके साथ ही खेत में बिछे पाइपों को भी तोड़ दिए थे।

वापस लौटने की उम्मीद अधिक- हाथियों का दल अभी मंडला जिले में प्रवेश कर चुका है,लेकिन ज्यादा दूर नहीं गया है।जिस जगह पर हाथी मौजूद है, वह मंडला,कबीरधाम व डिंडौरी जिला का बार्डर है।तीनों ही जिले की सीमावर्ती क्षेत्र में हाथियों का दल है।बताया जाता है कि हाथियों का दल जिस रास्ते से गुजरते हैं उसी रास्ते वापस भी होते हैं।हाथियों का दल विगत 8 वर्षों से जिले में आ रहे हैं,तथा कुछ दिन क्षेत्र में विचरण पश्चात वापस हो जाते हैं।
हाथियों के आने पर रोक जरूरी- हाथियों के दल का जिले में आने का सिलसिला लगातार प्रतिवर्ष जारी है।हाथियों के आने के सिलसिले को शीघ्र ही नहीं रोका गया तो आने वाले समय में जशपुर जैसे से गुजरना पड़ सकता है।ब्लाक में सर्वाधिक गन्ने की खेती होती है।यदि इन हाथियों को गन्ने के मिठास लग गई तो क्षेत्र में हाथियों का उत्पात भी बढ़ सकता है।
“हाथियों के दल के लोकेशन पर नजर रखी जा रही है।साथ ही कर्मचारियों का उड़नदस्ता लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।आस-पास के सभी गांवों में ग्रामीणों को सतर्क कर सूचना देने कहा गया है।”
जशवीर सिंह मरावी,एसडीओ,वन विभाग पंडरिया।