रायपुर।वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, महाराष्ट्र से उड़ान लेकर महासमुंद जिले में रेस्क्यू किए गए एक वाईट रुम्पड गिद्ध को सफलतापूर्वक पुनर्वासित कर उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ा गया, यह प्रयास बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) और ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व द्वारा भारत में संकटग्रस्त वाईट रुम्पड गिद्ध की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए शुरू की गई एक बड़ी पहल का हिस्सा था।
इस कार्यक्रम के तहत, पिंजौर से 10 वाईट रुम्पड गिद्ध को स्थानांतरित किया गया और उन्हें जियो-ट्रैकिंग डिवाइस से लैस कर जंगल में छोड़ा गया। इनमें से एक गिद्ध, जिसका वजन 4.7 किलोग्राम था 13 अगस्त 2024 को छोड़े जाने के बाद लगभग 500 किलोमीटर की यात्रा कर चन्द्रपुर से उड़कर इंद्रावती टाइगर रिजर्व, कांकेर जिले से होता हुआ वह महासमुंद के जंगलों में पहुंचा।

निगरानी दल ने देखा कि गिद्ध एक स्थान पर एक दिन से अधिक समय तक स्थिर रहा, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों को सतर्क किया गया। नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी के वन्यजीव अधिकारियों और पशु चिकित्सकों ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए 26 अगस्त को महासमुंद के बागबाहरा रेंज से गिद्ध को रेस्क्यू किया। गिद्ध थकावट और पानी की कमी से पीड़ित था, जिसके बाद उसे जंगल सफारी के रेस्क्यू सेंटर में चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई। 2-3 सप्ताह में पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद, गिद्ध को जंगल में लौटने के लिए स्वस्थ्य पाया गया।
मुख्य वन संरक्षक (CCF) श्रीमती सतोविशा समझदार, जंगल सफारी के निदेशक-सह-DFO धमशील गणवीर, USTR के निदेशक वरुण जैन, और अन्य प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में, जिसमें वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा भी शामिल थे, गिद्ध को सफलतापूर्वक उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया।
इस बचाव और पुनर्वास प्रयास के लिए जंगल सफारी के निदेशक धमशील गणवीर ने गिद्ध को रेस्क्यू और रिलीज़ के लिए पंकज राजपुत वन मण्डल अधिकारी महासमुंद , बीएनएचएस के वैज्ञानिक डॉ. काजवीन और बर्ड काउंट इंडिया के हकीमुद्दीन का निरंतर समर्थन की सराहना की एवं पूरे जंगल सफारी टीम को उनके समर्पण के लिए बधाई दी |