जंगल सफारी में “द वाइल्ड प्राइमर” का हुआ आयोजन….वन्यजीवों के आवास जीवनकाल और अस्तित्व की चुनौतियों के बारे में दी जानकारी

रायपुर।जंगल सफारी,नवा रायपुर में आज बायोडायवर्सिटी एक्स्प्लोरेशन एंड रिसर्च सेंटर के सहयोग से ‘द वाइल्ड प्राइमर’ कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रकृति की विविधता को समझने का अनूठा अनुभव प्राप्त किया।

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 7 बजे से हुई, जिसमें पक्षियों, तितलियों और अन्य जीव-जंतुओं के अवलोकन-भ्रमण के साथ जैव-पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रदान की गई। प्रतिभागियों ने बटरफ्लाई प्रजातियों जैसे बैरोनेट, एगफ्लाई, एमिग्रंट और कॉमन क्रो तितलियों को नकदीक से देखा और उनके जीवनकाल के बारे में समझा |

वन्यजीव शोधकर्ता अनुपम सिंह सिसोदिया ने इस कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने प्रत्येक तितली की कहानियों को जीवंत ढंग से प्रस्तुत किया, जैसे कि डैनिड एग्गफ्लाई तितली की मादा शिकारियों से बचने के लिए प्लेन टाइगर का अनुकरण करती है। उन्होंने तितलियों की पूंछ में मौजूद नकली आंखों और उनके आवास, जीवनकाल, और अस्तित्व के चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी।

कार्यक्रम के अंत में, नंदनवन जंगल सफारी के निदेशक ने समापन टिप्पणी दी, जिसमें उन्होंने नागरिकों और छात्रों को वन्यजीवों के बारे में जागरूक करने और संरक्षण के अवसरों का अन्वेषण करने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत सरकार के ‘लाइफ फॉर एनवायरनमेंट’ कार्यक्रम की भी चर्चा की और बताया कि हमें अपने जीवन को इस प्रकार जीना चाहिए कि इससे अन्य जीवों को नुकसान न पहुंचे। इसके साथ ही, उन्होंने युवान कार्यक्रम की भी सराहना की और सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की।

कार्यक्रम के आयोजक अनुपम सिंह सिसोदिया और गीतांजोली दासगुप्ता ने इस कार्यक्रम की विशेष रूपरेखा तैयार की थी, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।