बलराम यादव
पाटन। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को गर्म भोजन परोसने वाली स्व सहायता समूह अब कर्ज में डूबने लगी है। पिछले करीब 5 माह से इन समूहों को राशि का भुगतान नहीं होने के कारण अब समूह की महिलाएं काफी चिंतित हैं। वहीं जिन दुकानों से गर्म भोजन बनाने के लिए राशन लिया गया है उन दुकानदारों के द्वारा भी अब महिला समूह को पैसा देने के लिए रोज तकाजा किया जा रहा है। इससे परेशान महिला समूह के सदस्यों ने महिला बाल विकास विभाग के पाटन एवं जामगांव परियोजना अधिकारी को अपनी समस्याओं से अवगत भी कराया है ।वहीं जानकारी के मुताबिक सूत्रों से पता चला है कि राशि का आवंटन नहीं होने के कारण इन महिला समूह का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है । महिला समूह के सदस्यों का कहना है कि जल्द ही लंबित राशि का भुगतान नहीं किया गया तो आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को मिलने वाली गर्म भोजन बंद करना पड़ जाएगा।
बता दें कि शासन द्वारा बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए लगातार कई प्रकार के कार्यक्रम किया जा रहा है। जिसमें से बच्चों को आंगनवाड़ी में गर्म भोजन परोसने का भी एक कार्यक्रम है। उस कार्यक्रम के लिए महिला समूह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुरू में तो गर्भवती महिलाओं को भी गर्म भोजन प्रदान किया जाता था लेकिन पिछले कुछ माह से उसे बंद कर दिया गया है। वहीं अभी आंगनवाड़ी में आने वाले बच्चों को गर्म भोजन प्रदान किया जाता है। जिन महिला समूह के द्वारा गर्म भोजन प्रदान किया जाता है वह महिला समूह को पिछले 5 माह से उनकी राशि नहीं मिल पाई है। जानकारी के मुताबिक कई स्व सहायता समूह बच्चों कराने किराना दुकान से राशन लिए है अब वे दुकानदार भी तकादा करने लगे हैं।
प्रति बच्चा मिलता है 7 रुपए 75 पैसा
आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को घर में गर्म भोजन देने के लिए महिला स्व सहायता समूह को प्रति बच्चे के हिसाब से 7 रुपए 75 पैसे का भुगतान किया जाता है। जिसके तहत महिला समूह के द्वारा दाल चावल सब्जी बनाकर बच्चों को परोसा जाता है ।लेकिन अब राशि का भुगतान नहीं होने से महिला समूह काफी परेशानी में आ गई है। लक्ष्मी स्व सहायता समूह ग्राम गुजरा के अध्यक्ष सुनीता झा एवं सचिव अहिल्या वर्मा ने बताया कि उनके समूह के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को गर्म भोजन परोसने का कार्य किया जा रहा है । लेकिन पिछले 5 माह से उनका राशि अभी तक नहीं मिला है ।उन्होंने बताया कि जिस दुकान से राशन खरीदते हैं वहां भी 70 से 80 हजार का उधारी बकाया है । दुकानदार के द्वारा भी रोज पैसा जमा करने के लिए बोला जाता है। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द राशि का आवंटन किया जाए जिससे कि महिला समूह रूप से अपने कार्य कर सकें।

150 समूह कर रहे है कार्य
महिला बाल विकास विभाग के पाटन एवं जामगांव एम परियोजना को मिलाकर देखा जाए तो करीब 150 महिला सहायता समूह कार्य कर रही है। इंसानों के द्वारा बच्चों को गर्म भोजन देने का कार्य किया जा रहा है। इन सभी समूह को राशि नहीं मिलने के कारण अब इन समूह के सामने आर्थिक दिक्कत भी आने लगी है ।ऐसे में समूह के सदस्य कभी भी इस कार्य को करने से हाथ खड़े कर सकते हैं।
सहायिकाओं की भी बढी परेशानी
आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिकाओं द्वारा गर्म भोजन पकाने का कार्य किया जाता है ।इन काम के लिए प्रति बच्चे के हिसाब से 85 पैसे दिया जाता है। लेकिन अभी वर्तमान में गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं जिसके कारण अब सहायिकाओं को भी अपने जेब से पैसे खर्च करना पड़ रहा है। लगभग 1100 गैस सिलेंडर का कीमत है लेकिन उसमें बच्चों के लिए 1 माह तक के भोजन भी नहीं बना पाते। उन्हें अपनी जेब से पैसे लगाने पड़ रहे हैं। उक्त राशि को बढ़ाने की मांग की गई है।