कल्याणी साहू
पाटन । छत्तीसगढ़ भाजपा विधायक दल के स्थायी सचिव जितेंद्र वर्मा ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच भयंकर युद्ध चल रहा है। यूक्रेन में लगभग बीस हजार भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध पर मुस्तैदी से नजर रखे हुए हैं। यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों को सकुशल भारत वापसी के पूरे प्रयास जारी है और सफलतायें भी मिल रही है। अब तक हजारों छात्रों की सकुशल वापसी भी हुई है जिससे उनके परिजनों की चिंताए दूर हुई है। जो भी छात्र वहाँ फंसे हुए हैं उन लोगों की सकुशल वापसी का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूझ बूझ काबिले-तारीफ है, इसलिए यह नारा बुलंद रूप से लगाया जाता है कि मोदी है तो मुमकिन है।श्री वर्मा ने कहा मोदी जैसा प्रधानमंत्री पाकर भारतवासी गर्वित महसूस कर रहे हैं। आज पाकिस्तान को समझ में आ गया कि काश मोदी जैसी शख्सियत उसके पास भी होती। आज दुनियाँ को भी समझ आ गया है कि काश उनके पास एक मोदी होता। श्री मोदी सेनापति बनकर अपने चार केबिनेट मंत्रियो को यूक्रेन भेजा ताकि वहाँ फंसे छात्र छात्राओं को कोई नुकसान ना हो। पाकिस्तान सोच रहा है कि काश उनके पास मोदी होता। आज यूक्रेन भी सोच रहा है कि काश उनके पास भी एक मोदी होता। दुनियां के कई देश मोदी जैसे व्यक्तित्व की तलाश में है लेकिन संजोग है मोदी सिर्फ भारत के पास है। मोदी का विकल्प पूरे भारत में ही नही दुनियां में कही नही है। यूक्रेन के हालात जब खराब हुए तो उसे समझ में आया कि हमारे पास भी मोदी होता। पाकिस्तान के छात्रों के लिए तिरंगा कवच बनकर उभरा है। श्री वर्मा ने कहा कि जब यूक्रेन के हालात बद से बदतर हुए तो मोदी ने अपनी सरकार के चार वरिष्ठ मंत्रियों को विशेष विमान से यूक्रेन भेजा। जब एयर इंडिया से हालात नही संभले तो वायुसेना को तैनात किया। जब विपक्ष मोदी की कार्यप्रणाली को कोस रहा था तब मोदी ने अपनी काबिल अफसरों और मंत्रियों की बैठक कर ऑपरेशन गंगा का आगाज किया सिर्फ 72 घण्टे में ऑपरेशन गंगा के माध्यम से छात्रों को यूक्रेन से भारत लाया। लड़ाई में वो शेर नही होता है जो मारता है बल्कि बचाने वाला सवा शेर होता है। आज पाकिस्तान के लोग वहाँ सुरक्षित नहीं है क्योंकि उनके पास मोदी नही है। यूक्रेन में वही सुरक्षित है जिसके पास तिरंगा है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की शान इतनी बुलन्द है कि जो तिरंगा लेकर बाहर निकलता है उस पर रूसी सेना हमला नही करती।
