किशुनगढ़ प्राथमिक शाला में मूलभूत सुविधाएं नहीं, बच्चे व शिक्षक होते हैं परेशान

राजकुमार सिंह ठाकुर

पंडरिया । ब्लाक अंतर्गत किशुनगढ़ स्थित प्राथमिक विद्यालय में एक भी यूरिनर व शौचालय नहीं है।एक तरफ शासन स्वच्छता अभियान में बड़ी राशि खर्च कर साफ -सफाई रखने अपील कर रही है।वहीं शासकीय विद्यालय में ही सुविधाएं नहीं है।किशुनगढ़ में सन 1947 से प्राथमिक शाला संचालित है।जहां वर्तमान में एक भी शौचालय सहित सुलभ सुविधाएं नहीं है।जो शौचालय हैं वह जर्जर स्थिति में हैं।पूर्णतः अनुपयोगी हैं।बच्चों व कर्मचारियों को शौचालय नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ता है।पूर्व में कई बाथरूम व शौचालय बने हैं।लेकिन कोई उपयोगी नहीं है।पुराने शौचालयों का दीवार टूटा हुआ है तथा किसी भी शौचालय मे दरवाजा नहीं है।

ब्लाक का बड़ा विद्यालय-किशुनगढ़ प्राथमिक शाला ब्लाक का सबसे बड़ा विद्यालय है।जहां 334 बच्चे अध्ययनरत हैं।वहीं 7 शिक्षक कार्यरत हैं। जिसमे तीन महिला कर्मचारी भी शामिल हैं।इतने बड़े विद्यालय में मूलभूत सुविधा नहीं होना दुर्भाग्यजनक है।शासन द्वारा प्रतिवर्ष मरम्मत के लिए राशि भी दी जाती है,किन्तु इसकी स्थिति देखकर लगता है कि पहले मरम्मत भी नहीं किया है।सभी विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए भी शौचालय बनाये गए हैं।किंतु किशुनगढ़ का कोई भी शौचालय सही नहीं है।

अन्य सुविधएं भी नहीं-किशुनगढ़ के इस विद्यालय में अन्य सुविधाएं भी नहीं है।विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए टाटपट्टी की सुविधा नहीं है।बच्चे फर्श पर ही बैठकर पढ़ाई करते हैं।

“विद्यालय में शौचालय व अन्य आवश्यकताओं की जानकारी लेकर जिला कार्यालय को प्रेषित किया जाएगा।मरम्मत के लिए विद्यालयों को राशि की जाती है।

जीपी बनर्जी,बीईओ पंडरिया।