अंडा। गुरू सतनाम रावटी के तहत ग्राम निकुंम पंहुचे गुरूद्वारा भंडारपुरी धाम से आए धर्मगुरू नसी साहेब ने गुरूवाणी में बताया शदियों से सतमार्ग पर चल रहे सतनामी परिवार के लोगों में वंशानुगत रूप से कोई रोग,बिमारी और व्याधियाँ नहीं है यही सतनाम धर्म की महिमा है। जो भी व्यक्ति सतमार्ग का अनुसरण करेगा वह भय,दुःख, चिंता सहित साध्य-असाध्य सभी प्रकार के रोगों व व्याधियों से भी मुक्त रह सकता है।

इस बात की पुष्टि मेडिकल साइंस भी करता है जहाँ विभिन्न प्रकार से किए गए शोध व परीक्षणों में सतनामी लोगों में वंशानुगत कोई भी रोग व व्याधियाँ नहीं मिली है जिसे गूगल में भी आप सर्च कर सकते है सतनामियों में वंशानुगत रोग,व्याधियाँ की एक भी शोध आर्टिकल नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए मेडिकल साइंस द्वारा लाखों लोगों पर किए गए शोध छत्तीसगढ़ राज्य में वंशानुगत रोग सिकल सेल एनीमिया के बारे में ही सर्च कर पढ़ लिजिए सतनामी समाज के अलावा अन्य कोई समाज नहीं जहाँ उसका कैरियर न मिला हो, इस रोग में शरीर के लाल रक्त वाहिकाओं (आरसीबी) गोल न होकर पंचमी के चांद या हंसिया के आकार की तरह हो जाता है जिससे शरीर में रक्त प्रवाह में कमी, शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई होने में बाधा होती है और लोगों की मृत्यु भी हो जाती है।
इसलिए छत्तीसगढ़ के कई समाज तो ऐसे है जोकि अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दे रहे है ताकि 25% तक रोग को कम किया जा सके, क्योंकि सिकल सेल एनीमिया रोगी- सामान्य मनुष्य दंपत्ति से जन्मे संतानों में चौथे संतान का रोग से पिड़ित होने की संभावना अत्यधिक रहती है। वंशानुगत रोगों से पिड़ित समाजों की सबसे बड़ी समस्या ही सिकल सेल एनीमिया रोग है जिसका कोई इलाज नहीं है। धर्मगुरू नसी साहेब ने कहा अब समाज में दुराचारी, व्यभिचारी, कुमार्गी और धर्मांतरित लोगों को विभिन्न प्रकार के साध्य-असाध्य रोगों व व्याधियों की समस्या होने लगी है, नहीं तो सतनाम धर्म संस्कृति के मार्ग में चलने वाले एक भी व्यक्ति में किसी प्रकार के रोग,व्याधि की कोई शिकायत ही नहीं है।
धर्मसभा में उपस्थित सभी लोंगो से पुछताछ कर धर्मगुरू नसी साहेब द्वारा सामाजिक कार्यों में सक्रिय दिनेश देशलहरा को जिलामहंत नियुक्त किया गया तथा दुर्ग जिले में निवासरत जिलामहंत व राजमहंत जो पूर्व में धर्मगुरूओं द्वारा बनाए गए है और वर्तमान में वे कुमार्गी, दुराचारी, व्यभिचारी हो गये है या तन-मन से स्वस्थ रहते हुए भी सामाजिक दायित्वों से निष्क्रिय हो गये है ऐसे महंतों को पद से निष्कासित करने की घोषणा की गई है।

