पंडरिया-ब्लाक मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित बैगा बाहुल्य ग्राम बदौरा में मिडिल स्कूल नहीं है,जिसके चलते यहां के बच्चों को पढ़ाई छोड़नी पड़ती है या बाहर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करना पड़ता है।
ग्राम बदौरा में सन 1980 से प्राथमिक विद्यालय है,किन्तु मिडिल स्कूल अब तक नहीं खुल पाया है।प्राथमिक विद्यालय में दर्ज संख्या करीब 50 से 60 के बीच रहती है।कक्षा आठवी के छात्र अनमोल बैगा ने बताया कि गांव में स्कूल नहीं होने के कारण उन्हें पंडरिया जाना पड़ता है।बीच मे लगभग 6 किलोमीटर घने जंगल को रोज पार करना पड़ता है,साथ ही बरसात व नाले के कारण भी आने-जाने में परेशानी होती है।इसी तरह चंद्रेश बैगा व ओमप्रकाश ने बताया कि वे क्रमश कवर्धा व पांडातराई हॉस्टल में रहते हैं।

यदि गांव में स्कूल होता तो उन्हें पढ़ाई के लिए घर छोड़कर बाहर नहीं जाना पड़ता।कई बच्चे 5 वी के बाद पढ़ाई भी छोड़ देते हैं।
10 किलोमीटर के दायरे में स्कूल नहीं– ग्राम बदौरा के 10 किलोमीटर के दायरे में मिडिल स्कूल नहीं है।मिडिल स्कूल पढ़ने के लिए यहां से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर कुल्हिडोंगरी या मुनमना तथा बिरकोना या पंडरिया जाना पड़ता है।जहां घने जंगल व नदी -नाले पार करना पड़ता है।मिडिल स्कूल की दूरी व जंगल होने के कारण प्रतिदिन गांव से विद्यालय जाना संभव नहीं है।दुर्घटना का भय बना रहता है।
“बदौरा के आस-पास मिडिल स्कूल नहीं है,परीक्षण कर बदौरा में मिडिल स्कूल खोलने शासन को प्रताव भेजा जाएगा।
अर्जुन चंद्रवंशी,खंड स्रोत समन्वयक पंडरिया।